पुलिस ने घर पर छापेमारी भी की। जेल भी भेजा गया। इसके बाद 2019 में डिंपल को चुनाव में हरा दिया। इससे उनकी खुन्नस और बढ़ गई है। इस बार भी अखिलेश यादव यहां से चुनाव लड़ना चाहते हैं तो दबाव बनाने के लिए मुझे धमकी दी जा रही है। सपा कार्यालय में उनकी मौजूदगी में मंच से मुझे गालियां दी गईं और जान से मारने की धमकी दी गई और वे ताली बजाते रहे। उन्होंने कहा कि मंच से एक दलित बिरादरी के खिलाफ टिप्पणी की गई।
यह सब अखिलेश के ही इशारे पर हुआ है। इस दौरान मौजूद भाजपा के अनुसूचित जाति मोर्चा के जिलाध्यक्ष राजेश दिवाकर ने भी कहा कि सपा के मंच से की गई टिप्पणी से दलित समाज आहत है।