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Chhattisgarh News: ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम बुदेली में नलजल योजना के तहत सभी घरों में कनेक्शन तो लगा दिया गया है परंतु पिछले तीन माह से पानी का एक बूद भी नहीं आ रहा है। गांव में हाहाकार मंचा गया है, मजबूरी हमें झरिया का पानी पीना पड़ रहा है। कई बार शिकायत के बाद भी स्थिती जस की तस बनी हुई है। Chhattisgarh News: जिला मुख्यालय से 15 किमी दूर बुदेली में पिछले तीन महीने से पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है। नल जल योजना फेल होने से ग्रामीण पानी के लिए तरस रहे हैं। लोग झरिया के पानी से अपनी प्यास बुझा रहे हैं। पेयजल आपुर्ति के लिए ग्रामीणों ने सरपंच समेत जिला प्रशासन से गुहार लगाई लेकिन उनको पेयजल उपलब्ध नहीं हो रहा है। परेशान ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट जनदर्शन पहुंचकर पेयजल की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा। ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम पंचायत बुदेली में 6 साल पहले नल जल योजना शुरू हुआ था।
Chhattisgarh News: गांव में पानी के लिए मचा हाहाकार
इस योजना के तहत गांव में करीब 200 घरों में नल जल कनेक्सन दिया गया था जिससे ग्रामीणों को पानी की आपूर्ति हो रही थी। घटिया निर्माण के चलते नल जल योजना के तहत बनी पानी टंकी 6 साल के अंदर जर्जर हो गई। बड़ी बड़ी दरारें आने लगी जिसके कारण पानी टंकी से बहने लगा। टंकी में जब पानी रूक ही नहीं रहा था तो ग्राम पंचायत ने योजना को बंद कर दिया। योजना के बंद होते ही गांव में पानी के लिए हाहाकार मच गया। गांव के 200 परिवार जो नल जल योजना पर आश्रित थे वे बारिश के मौसम में पानी के लिए तरसने लगे। घरों में इतना भी पानी नहीं कि वे मुंह धो सके। गांव में जिनके घरों में निजी बोर हैं उनके घरों से कुछ दिन तक पानी की पूर्ति होती रही लेकिन ज्यादा दिन होने पर उन लोगों ने भी हाथ खड़ा कर दिया। गांववालें करीब दो किमी दूर महानदी पहुंचे और नदी में झरिया बनाकर प्यास बुझाने लगे। ग्रामीण अम्बा चन्द्रवंशी, बुधयारिन, मूलचंन्द्र, देवला सुरोजिया, महेश कुमार, अनिता, रामेश्वरी, गोदावरी, रूपाली, सुखबती, रिकेश्वरी, लक्ष्मी, रतनी, श्यामा, तुलेश्वरी, डिकेश्वरी, फूलबासन, सगनीबाई, यशोदा, ललिता आदि ग्रामीणों ने बताया कि नल जल योजना जब फेल हो गया तो वे लोग निजी बोर वालों से कुछ दिन तक पानी की मांग करते रहे लेकिन ज्यादा दिन होने के बाद उन लोगों ने भी आनाकानी शुरू कर दिया। वे लोग निजी बोर वालों को पानी के बदले बिजली बिल देने को भी तैयार हैं लेकिन उसके बाद भी उनको पानी नहीं मिल रहा है। झरिया ही एक मात्र सहारा बन कर रह गया है जिससे वे लोग अपनी प्यास बुझा रहे हैं।
बीमारी का हो सकते है शिकार
गांव में पानी की समस्या होने के कारण गांव वाले गांव के नदी में ही एक झरिया खोदकर वहां से निकलने पानी को रोजना पीने व अन्य दैनिक कार्य के लिए उपयोग में ला रहें है। झरिया से निकलने वाला पानी नल के पानी जितना साफ नहीं हो सकता है। अगर इसी तरह से लगातार अगर ग्रामीण झरिया का पानी उपयोग करते रहे तो गांव वालों के स्वास्थ्य में इसका असर हो सकता है। ग्रामीण गंदा पानी पीने से फैलने वाली बिमारी का शिकार हो सकते है। ग्रामीणों ने बताया कि पंचायत में शिकायत करके थक चुके है जिसके बाद जिला प्रशासन से उम्मीद लेकर शिकायत के लिए पहुंचे की पंचायत स्तर में समस्या का हल नहीं हुआ तो जिला प्रशासन जरूर हल करेगी। परंतु जिला प्रशासन में भी शिकायत के बाद कोई फायदा नहीं हुआ। फिर से ग्रामीण पानी की समस्या लेकर ग्रामीण जिला प्रशासन पहुंचे है कि इस बार तो उनकी समस्या का समाधान तो होगा। फिलहाल ग्रामीणो ने कलेक्टर को ज्ञापन सौप दिया है अब देखने वाली बात यह होगी की क्या जिला प्रशासन गांव वालों की समस्या पर कार्यवाही करती है या फिर ज्ञापन कापी घुल चाटेगी।
गांव के हेडपंप है खराब
ग्राम बुदेली में नौ वार्ड है और लगभग सभी वार्डों में एक-एक हेंडपंप है जिसमें कुछ हेंडपंप खराब पडे़ है जिसकी मरम्मत के लिए शिकायत करते ग्रामीण थक चुके है। अब हेंडपप मरम्मत के लिए बोलना छोड दिए है। वहीं कुछ हेंडपंपो से पानी तो निकता है परंतु वह गंदा रहता है जो उपयोग करने लायक नहीं होता है। शिकायत मलने के बाद जर्जर पानी टंकी को मरम्मत किया गया है। जल्द ही पानी की सप्लाई शुरू हो जाएगी। नलजल योजना के लिए बने पानी टंकी में मटेरियल सही नहीं डालने के कारण दरारें आ गई थी जिसके विषय में उन्होंने कई बार ठेकेदार को अवगत कराया पर ध्यान नहीं दिया गया जिसके चलते यह समस्या हो रही है।