CG News: कांकेर में हर साल 84,766 मीट्रिक टन उत्पादन
CG News: कांकेर को यह अवॉर्ड गुरुवार को दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में दिया जाएगा। केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन, डेयरी एवं पंचायतीराज मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह द्वारा जिले के प्रतिनिधियों को समान दिया जाएगा। कार्यक्रम में केंद्रीय राज्य मंत्री प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल, जॉर्ज कुरियन भी मौजूद रहेंगे। यह समान हर साल विश्व मात्स्यिकीय दिवस पर दिया जाता है, जो 21 नवंबर को मनाया जाता है। मुयमंत्री विष्णुदेव साय ने कांकेर जिले को पुरस्कार मिलने पर खुशी जताई है।
CG News: उन्होंने जिले के मछलीपालन विभाग, मत्स्य कृषकों और संबंधित अधिकारियों को बधाई दी। मुयमंत्री ने कहा, छत्तीसगढ़ लैंडलॉक राज्य है। इसके बावजूद कांकेर ने
छत्तीसगढ़ को मछलीपालन में राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई है। मछली बीज उत्पादन में छत्तीसगढ़ का देश में छठा स्थान है। राज्य न केवल आत्मनिर्भर है, बल्कि पड़ोसी राज्यों को भी मछली बीज निर्यात कर रहा है। कांकेर जिले की सफलता प्रेरणादायक है।र… कांकेर में हर साल 84,766 मीट्रिक टन उत्पादन
दुधावा के 228 केज से 651 टन एक्स्ट्रा उत्पादन
जिले के दुधावा डैम में 228 केज स्थापित किए गए हैं। यहां से 651 टन अतिरिक्त मछली उत्पादन हो रहा है। इलाके में मछली पालन और इससे जुड़ी गतिविधियों से जिले के कृषक हर साल करीब 500 करोड़ का कारोबार कर रहे हैं। इससे न केवल जिले की अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान मिला, बल्कि मछलीपालन के क्षेत्र में कांकेर को प्रमुख स्थान भी दिलाया। कलेक्टर नीलेश महादेव क्षीरसागर ने भी इस उपलब्धि पर कांकेर जिले के मछलीपालकों और विभाग के अधिकारियों को बधाई दी। उन्होंने कहा, इस समान से जिले के मछलीपालकों का उत्साहवर्धन होगा। वे मछली पालन के उन्नत तरीके अपनाएंगे। यह पुरस्कार कांकेर जिले के मछलीपालन क्षेत्र को और अधिक प्रगति की ओर ले जाएगा।
30 हजार से ज्यादा जलस्रोत 13 हजार हैक्टेयर में पालन
मछली पालन के लिए जिले में 30562 जल निकायों का उपयोग किया जा रहा है। इनमें लगभग 12137 हैक्टेयर जल क्षेत्र में मछली पालन हो रहा है। जिले के लगभग 15998 मत्स्य कृषक सक्रिय रूप से क्षेत्र में काम कर रहे हैं। कांकेर में हर साल 84766 मीट्रिक टन मछली का उत्पादन हो रहा है।
यह आंकड़ा प्रदेश के अन्य जिलों से कहीं अधिक है। जिले में 32 मत्स्य बीज हैचरी चल रही हैं, जो हर साल 33402 लाख स्पॉन और 13139 लाख स्टैंडर्ड फाई मछली बीज का उत्पादन करती हैं। इन मछली बीजों का निर्यात मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिसा, बिहार, झारखंड और उत्तरप्रदेश जैसे राज्यों में किया जाता है।