वहीं प्रत्याशी भी मीडियाकर्मियों को फोन कर अपनी स्थिति का टोह ले रहे हैं। इन सबसे अलग एक पक्ष है जो चुनाव नतीजों को लेकर काफी उलझा हुआ हैं। सट्टेबाजों को समझ नहीं आ रहा है कि किस पर पैसा लगाएं और किस पर न लगाएं। अभी तक कई सीटों पर सट्टा बाजार में बुकिंग शुरू नहीं हुई है। बाजार अभी तक यह तय नहीं कर पा रहा है कि कौन जीत सकता है और किसके हारने का चान्स ज्यादा है। लेकिन इसके बावजूद सट्टेबाजों को उमीद है कि जल्द ही रुझान मिलेंगे और दांव लगना शुरू हो जाएगा।
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विधानसभा चुनाव की मतगणना के दिन नजदीक है। इसके साथ ही नगर परिक्षेत्र में सट्टे का धंधा जोर पकड़ने लगा है। पार्टी के समर्थकों द्वारा न केवल प्रत्याशियों की हार जीत पर लाखों की शर्तें लग रही है, बल्कि कई लोगों ने प्रत्याशियों की लीड पर भी का सट्टा लगाया है। जानकारी के मुताबिक सबसे अधिक सट्टा शहरों में लगाए जा रहें हैं।
यहां पर नेताओं के समर्थकों ने हजार से लेकर लाख तक की शर्तें लगाई है। कई स्थानों पर पैसों के अलावा भी कई चीजों पर भी दांव लगाए जाते हैं। विधानसभा क्षेत्र में कुछ लोगों ने हार जीत पर गाड़ियों की शर्ते लगाई है। तो कुछ लोगों ने हार जीत को छोड़ कर लीड पर भी लाखों तक की शर्तें लगाई है।
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महिलाओं का उत्साह मतदान को लेकर दिखाजिले की तीनों विधानसभा सीटों पर भाजपा और कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता बड़ी जीत का दावा कर रहे हैं तो जकांछ और आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता भी पीछे नहीं हैं। बहरहाल जिस तरह से महिलाओं का उत्साह मतदान को लेकर जिस प्रकार दिखा, उसने राजनीतिक पंडितों के गणित को भी गड़बड़ा दिया है।
सट्टा लगवाने के लिए प्रेरित करने वाले लेते हैं 10 प्रतिशत विधानसभा चुनाव में हार जीत को लेकर लाखों रुपए का सट्टा लगवाने वालों में से एक को ही फायदा होगा। लेकिन सट्टा लगवाने के लिए तैयार करवाने वाले बिचौलियों की पांचों उंगलियां घी में है, जो लोग सट्टे के लिए कार्यकर्ताओं को तैयार करवाते हैं। उनका 10 प्रतिशत कमीशन फिक्स होता है। जानकार बताते हैं की क्षेत्र में कई ऐसे लोग सक्रिय हैं।