पिछले करीब 6 सालों से ये ही कहने को और सुनने को मिल रहा है कि विवेक विहार भविष्य में इस क्षेत्र का पॉश इलाका होगा लेकिन कब और कैसे होगा इन सवालों के जवाब किसी के पास नहीं है।
यहां भूखंड बिकवाने वाले प्रोपर्टी डीलरों को कमीशन तो मिल जाता है लेकिन दाम देने वाले भूखंड मालिक का यहां आशियाना बनाकर रहने का सपना महज सपना बनकर ही रह जाता है। क्योंकि यहां अभी तक बिजली, इंटरनल सड़कें और मुख्य ट्रंक लाइन से सीवरेज कनेक्टिीविटी जैस काम अधूरे पड़े हैं। यहां का विकास इतना धीमा चल रहा है कि इसके आसपास के गांव और ढाणियों सहित कई कॉलोनियां आबाद हो गई लेकिन उनके बीचोबीच 32 बीघा में फैली जेडीए की पहली हाउसिंग कॉलोनी में गिनती के सिर्फ 5-7 मकान है।
जेडीए की पहली हाउसिंग कॉलोनी विवेक विहार में आशियाने तो बन नहीं रहे लेकिन आसामाजिक तत्वों की कारगुजारियां दिनोदिन बढ रही है। यहां सुनसान और दूर दूर तक फैली झाडिय़ों के कारण पिछले कुछ सालों से आपराधिक घटनाएं बढ रही है।
ये मान लिया जाए तो कुछ गलत नहीं होगा कि अब इस कॉलोनी से लोगों का एक तरह से मोहभंग हो रहा है। यहां रहने वालों को अब इस कॉलोनी के आबाद होने का बेसब्री से इंतजार है लेकिन जेडीए इस तरफ ध्यान नहीं दे रहा है।
असामाजिक तत्वों का डेरा, पुलिस गश्त ना के बराबर यहां रात को मुख्य रास्तों को छोड़ दें तो 32 बीघा में कुल ए से ओ सेक्टर तक फैली इस हाउसिंग कॉलोनी में दूर दूर तक कोई मकान बसा हुआ नजर नहीं आता है।
ऐसे में यहां अब यहां घनी झाडिय़ां और बबूल के पेड़ उग आए हैं। कई जगह गहरे खड्डे हो गए हैं। जहां बारिश के दिनों में पानी भर जाता है। जब खाली होते हैं वहां असामाजिक तत्व आकर शराब की पार्टियां करते हैं।
यहां कई जगह शराब की बोतलें बिखरी हुई मिल जाएगी। यहां शाम होते ही जाम छलकने लग जाते हैं उसके बाद आपस में कहासुनी होने पर कई बार शराबियों में मारपीट जैसी घटनाएं हो जाती है।
इस घटना से सहमे आसपास के क्षेत्रवासी हाल ही में 21 जून को यहां कुड़ी भगतासनी मुख्य बाजार में इलेक्ट्रिक दुकान चलाने वाले राजेश वर्मा की हत्या कर शव फेंक दिया था। उसकी डेडबॉडी जयपुर जैसलमेर बाईपास से विवेक विहार ओ सेक्टर के सामने से जा रही मुख्य रोड के किनारे सुबह मिली थी।
कुछ माह पहले ही इसी विवेक विहार के पास सांगरिया जाने वाले रास्ते पर कुड़ी भगतासनी पुलिस थाने के पुलिस कांस्टेबल द्वारा रात को शराब पीकर लूटमार की घटना को अंजाम दिया जा चुका है।
इस तरह की आपराधिक घटनाओं के कारण यहां आसपास रहने वाले क्षेत्रवासी काफी सहमे हुए हैं। कईयों ने इस कॉलोनी की तरफ जाना भी छोड़ दिया है। यहां पुलिस की गश्त बिल्कुल ना के बराबर है। यहां दिन और रात दोनों समय सूनसान रहती है।
आसपास की कॉलोनियां हुई आबाद, विवेक विहार सूना विवेक विहार में आसपास की कॉलोनियां तो आबाद हो रही है लेकिन विवेक विहार में पिछले 6 सालों में करीब 7 हजार भूखंडों में सिर्फ 5-7मकान ही बने हैं वहां भी सभी में परिवार निवास नहीं करते हैं।
जबकि इसके आसपास कुड़ी भगतासनी सेक्टर 8,9,1 और गंगा विहार, सोऊ की ढाणी, सांगरिया गांव, मामा अचलेश्वीर नगर, सांगरिया मिनी ग्रोथ सेंटर की रौनक देखते ही बनती है। यहां कई परिवार आकर बस गए।
ग्रोथ सेंटर में तो बाजार और औद्योगिक इकाइयां रोज आबाद हो रही है। इस लिहाज से देखा जाए तो विवेक विहार में विकास की रफ्तार बहुत मंद गति से चल रही है। अब जेडीए ने अगर यहां विकास कार्य प्रारंभ नहीं कराए तो लोगों का विवेक विहार से पूरी तरह से मोहभंग हो जाएगा।
पत्रिका एक्सपर्ट व्यू पहले व्यावसायिक जोन करें विकसित फिर बसेंगे परिवार विवेक विहार के सेक्टर ए से लेकर ओ तक आए भूखंडों में कई जगह व्यावसायिक जोन भी बनाए गए हैं। इसमें बिजलीघर, पीएचईडी की टंकी, स्कूल, कॉलेज, बैंक, हैल्थ सेंटर, सार्वजनिक पार्क, प्रस्तावित मार्केट के लिए जगह छोड़ी गई है।
उसे अगर विकसित किया जाए तो यहां आवंटी भी अपने अपने भूखंडों में निर्माण कार्य शुरू कर सकते हैं। जेडीए को सार्वजनिक सुविधाओं और निर्माण कार्य में तेजी दिखानी चाहिए। इससे लोगों का रूझान विवेक विहार की तरफ बढेगा। क्योंकि उसके बाद यहां मकान बनाकर रहने के लिए माहौल बन जाएगा।
इसकी कमी के चलते इस तरफ फिलहाल कोई घर बनाकर रहना नहीं चाहता। कुछ लोगों का ये भी कहना है कि अब पिछले कुछ सालों से प्रोपर्टी बाजार में आई मंदी को इसी कॉलोनी से तेजी की उम्मीद होगी। अगर विवेक विहार आबाद होता है आसपास की दूसरी कॉलोनियों में रहने वालों की संख्या भी बढेगी।
विवेक विहार फैक्ट फाइल – कुल सेक्टर-15 – आवंटित भूखंड- 3227 – लॉंचिंग डेट- 26 जून 2011 जहां रह रहे हैं विकसित करेंगे सुविधाएं जहां रह रहे हैं वहां पर ही सुविधाएं विकसित की जाएगी। अगर कोई कहीं रह ही नहीं रहा है वहां अगर बिजली के तार खींच दिए तो उनके चोरी होने की आशंका रहती है। जैसे जैसे आवंटी मकान बनाकर रहेंगे सप्ताह भर में उसे बिजली कनेक्शन उपलब्ध करा दिया जाएगा।
वहीं बेटी गौरव उद्यान विकसित करने के लिए टैंडर निकाले जाएंगे। हम खुद चाहते हैं कि यहां लोग आकर रहे ताकि बचे हुए 900 भूखंड और कॉर्नर के भूखंडों से भी रेवेन्यू मिले। – सुखराम चौधरी, एसई, ईजीनिरियंग शाखा, जेडीए।
उद्यान, स्पोर्ट्स एकेडमी के लिए डीपीआर जारी उद्यान, स्पोर्ट्स एकेडमी, कन्वेंशनल सेंटर के लिए डीपीआर जारी कर दी है। उसके लिए बजट भी स्वीकृत कर दिया है। बहुत जल्द यहां काम शुरू करेंगे।
पानी, बिजलीघर के लिए निर्धारित जमीन संबंधित विभागों को सौंप दी है। जहां वे टंकी या बिजली निर्माण करेंगे। विवेक विहार को विकसित करना जेडीए की पहली प्राथमिकता है। – प्रो. महेंद्र सिंह राठौड़, चेयरमैन, जेडीए।