केस 1 बीजेएस क्षेत्र में नाले के पास ट्रांसफार्मर स्वीकृत है। यहां लगाना भी है, लेकिन पड़ोसी यहां स्थान को लेकर विवाद खड़ा कर रहे हैं। केस 2 परकोटा शहर में बकरा मंडी जीएसएस से संबंधित क्षेत्र में भी लोड काफी बढ़ गया है। ट्रांसफार्मर स्वीकृत है, लेकिन यहां भी लोग जमीन चिह्नित करते समय आपत्ति कर रहे हैं।
केस 3 रेलवे स्टेशन जीएसएस से संबंधित परकोटे का क्षेत्र भी इसी समस्या से गुजर रहा है। यहां भी ट्रांसफार्मर धरातल पर लगाने जाते हैं तो लोग आपत्ति कर देते हैं। फैक्ट फाइल
– 50 हजार लाख यूनिट तक एक दिन में कई बिजली की डिमांड। – 20 प्रतिशत तक बढ़ी है डिमांड। – 34 ट्रांसफार्मर शहर में लगाए जा चुके। – 50 से अधिक अभी और लगाने हैं।
डर की वजह से नहीं लगवाते ट्रांसफार्मर कई लोग अपने घर के नजदीक ट्रांसफार्मर नहीं लगवाते हैं। इसके पीछे डर यह है कि इससे निकलने वाली चिंगारियों से आग लग सकती है। करंट का खतरा भी होना एक बड़ी वजह है, लेकिन हकीकत यह है कि आपात स्थिति के अलावा इस प्रकार की घटनाएं नहीं होती है।
लम्बी लाइनों से आती है समस्या इस बार कम वोल्टेज की समस्याएं भी एक दिन में 400 पार कर गई। इसका कारण है कि ट्रांसफार्मर पर लोड बढ़ना और लम्बी लाइनों से बिजली संचरण। जिसमें फॉल्ट आने की समस्या ज्यादा होती है।
इस सीजन में अब तक 34 ट्रांसफार्मर लगा दिए हैं। आगामी 10 दिन में काम पूरा करना है। जहां जगह को लेकर समस्या आती है, वहां अब समझाइश करते हैं। लेकिन फिर भी विवाद की स्थिति में कई जगह समस्या का समाधान नहीं हो पाता।
– एमएम सिंघवी, अधीक्षण अभियंता शहर, जोधपुर डिस्काॅम