आपको बता दें कि प्रदेश की सरदारपुरा विधानसभा सीट राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का सबसे मजबूत गढ़ मानी जाती है। वर्ष 1998 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतने के बाद 1999 में तत्कालीन विधायक मानसिंह देवड़ा ने यह सीट गहलोत के लिए खाली की थी। इसके बाद से गहलोत यहां से लगातार जीत रहे हैं। सरदारपुरा विधानसभा सीट पर अब तक 13 बार चुनाव हो चुके हैं। सबसे पहले साल 1967 में भारतीय जन संघ के टिकट पर डी. दत्त यहां से चुनाव जीते थे।
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत साल 2018, 2013, 2008, 2003 और 1999 के विधानसभा चुनावों में इस सरदारपुरा सीट से लगातार जीतते आ रहे हैं। पिछले चुनाव में भी अशोक गहलोत की जीत हुई थी। उन्हें 97081 तो वहीं भाजपा के शंभूसिंह खेतासर को 51484 वोट मिले थे। साल 2013 में सरदारपुरा सीट से भाजपा ने खेतासर को अपना प्रत्याशी बनाया। इस चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी की जबरदस्त लहर थी। कांग्रेस जिले की दस सीटों में से नौ सीट पर हार गई, लेकिन केवल गहलोत ही अपनी सरदारपुरा सीट बचा पाए।