इसमें 1000 लोगाें के बैठने की व्यवस्था होगी। यहां प्रतिदिन शाम को परेड होगी, जिसमें बीएसएफ के जवान विधिवत रूप से तिरंगा उतारेंगे। साथ में कैमल शो सहित अन्य कार्यक्रम होंगे। तनोट पाकिस्तान बॉर्डर से बीस किलोमीटर दूर है। हालांकि वाघा बॉर्डर की तरह यहां सामने पाकिस्तानी रेंजर्स मौजूद नहीं रहेंगे, फिर भी बाकी सेरेमनी वाघा बॉर्डर की तरह ही आयोजित की जाएगी।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार के बॉर्डर टूरिज्म पर्यटन के तहत 2021 में तनोट के पास स्थित बबलियान सीमा चौकी को रिट्रीट सेरेमनी के लिए विकसित किया गया था। यहां स्टेडियम, वॉच टावर, सेल्फी पॉइंट जैसी कई सुविधाएं 2022 में विकसित कर दी गई, लेकिन रिट्रीट सेरेमनी शुरू करने के प्रोजेक्ट को बबलियान में फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। इसके स्थान पर अब जैसलमेर के तनोट को चुना गया है।
केंद्र सरकार ने दिए 17.67 करोड़
गत वर्ष केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने बॉर्डर टूरिज्म के तहत तनोट कॉम्पलेक्स बनाने के लिए 17.67 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट स्वीकृत किया था, जिसे एक साल में ही तैयार किया जाना है। बीएसएफ की इंजीनियरिंग विंग ने अब तक 70 प्रतिशत से अधिक काम पूरा कर दिया है। यह 4.57 एकड़ में बनाया जा रहा है। इसके तहत 434 वर्गमीटर में एम्फीथियेटर, 686 वर्गमीटर में इंटरप्रिटेशन सेंटर, 434 वर्ग मीटर का कैफेटेरिया, 183 वर्ग मीटर का वीआईपी ब्लॉक, सोविनियर शॉप, टॉयलट ब्लॉक विकसित किए जा रहे हैं।यह रहेगा आकर्षण का केंद्र
- एम्फीथियेटर में परेड सहित अन्य समारोह होंगे
- संग्राहालय, हथियारों की गैलेरी
- शहीद की दीवार, म्यूरल दीवार
- चिल्ड्रन रीक्रिएशन एरिया, इंटरेक्शन एरिया
- ऑडियो-विजुअल सिस्टम व स्टेज लाइट
- टूरिस्ट के लिए फूड कोर्ट
- सर्विलांस सिस्टम
- सोलर पावर एलईडी स्ट्रीट लाइट
- योगेन्द्र सिंह राठौड़, डीआईजी, बीएसएफ, जैसलमेर
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