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जोधपुर

25 साल की अनीता 4 लोगों को दे गई नई जिंदगी, ब्रेन डेड होने के बाद भी किए अंग दान

Jodhpur News : जोधपुर के एम्स अस्पताल से रविवार को जयपुर लाए गए 25 वर्षीय अनीता के हार्ट को एसएमएस अस्पताल में व एक किडनी को एसएमएस सुपरस्पेशलिटी अस्पताल में मरीज को ट्रांसप्लांट कर दिया गया है।

जोधपुरJul 29, 2024 / 07:26 am

Kirti Verma

Organ Transplant: जोधपुर के एम्स अस्पताल से रविवार को जयपुर लाए गए 25 वर्षीय अनीता के हार्ट को एसएमएस अस्पताल में व एक किडनी को एसएमएस सुपरस्पेशलिटी अस्पताल में मरीज को ट्रांसप्लांट कर दिया गया है। ट्रांसप्लांट हुए दोनों मरीजों की हालत ठीक बताई जा रही है।

इस संबंध में सीटीवीएस विभाग के वरिष्ठ आचार्य डॉ. राजकुमार यादव ने बताया कि शनिवार शाम पांच बजे सूचना मिली कि जोधपुर एम्स में एक मृतका के परिजनों ने अंगदान की सहमति दी है। जिसके बाद पता चला कि बाड़मेेर निवासी पूजा सैन(34) को हार्ट ट्रांसप्लांट की जरूरत है क्योंकि उसका हार्ट महज 20 फीसदी ही काम कर रहा है। उसके परिजनों से संपर्क किया। वे बाड़मेर से रवाना होकर एसएमएस पहुंचे। इधर करीब रात 12 बजे हम जयपुर से रवाना होकर सुबह 7 बजे जोधपुर पहुंचे। वहां से हार्ट लेकर सुबह 11 बजे की फ्लाइट से महज 50 मिनट मेें जयपुर पहुंच गए। दोपहर 12.30 बजे ओटी में ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया शुरू हुई थी, जो शाम 5.30 बजे तक चली। पांच घंटे में हार्ट ट्रांसप्लांट हुआ।
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डॉ. यादव ने बताया कि मरीज अभी बेहोशी की हालत में है। उसे करीब 24 घंटे बाद ही होश आ पाएगा हालांकि ट्रांसप्लांट पूरी तरह से सफल रहा है। एसएमएस सुपरस्पेशलिटी अस्पताल के यूरोलोजी विभाग के एचओडी डॉ. शिवम प्रियदर्शी ने बताया कि उनकी टीम जोधपुर से रविवार शाम चार बजे किडनी लेकर पहुंची। जिसे मालवीयनगर निवासी अनीता मीणा(जयपुर) को ट्रांसप्लांट किया गया। इस प्रक्रिया में करीब ढाई घंटे का समय लगा। ट्रांसप्लांट करने वाली इस टीम में डॉ. शिवम प्रियदर्शी के निर्देशन डॉ. नीरज अग्रवाल, डॉ. प्रशांत, डॉ. आरडी साहू, डॉ. वर्षा कोठारी व उनके टीम के सदस्य शामिल रहे।
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चार लोगों को नई जिंदगी दे गई अनीता
चिकित्सकों के अनुसार बाड़मेर के सिणधरी में 16 जुलाई को अनीता और उसका पांच वर्षीय बेटा सड़क दुर्घटना में घायल हो गए थे। दोनों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। लेकिन अनीता की तबीयत मेें सुधार नहीं आया और उसकी मौत हो गई। जिसके बाद एम्स अस्पताल प्रशासन ने उसके परिजनों से अंगदान के लिए बात की। समझाइश करने पर वे मान गए। इसके बाद अनीता के हार्ट, किडनी व लिवर दान दिए गए। ऐसे में दुनिया से जाते-जाते अनीता चार लोगों को नई जिंदगी दे गई।

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