सरकारी अधिकारियों की घोर लापरवाही
घटना की गंभीरता को देखते हुए
हाईकोर्ट किशोर न्याय समिति के अध्यक्ष एवं न्यायाधीश गर्ग ने इस मामले में प्रसंज्ञान लेते हुए कहा कि यह घटना जीवन के अधिकार का गंभीर उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि यह प्रकरण स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि सरकारी अधिकारियों की घोर लापरवाही के कारण एक व्यक्ति का जीवन संकट में पड़ा।
एकल पीठ ने इस मामले में नोटिस जारी कर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, जिला कलक्टर झुंझुनूं एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी झुंझुनूं को दो सप्ताह के भीतर जवाब प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। इस मामले की सुनवाई के लिए अनिरुद्ध पुरोहित को न्याय मित्र नियुक्त किया गया है। पीठ ने इस मामले को सार्वजनिक हित से जुड़ा मामला मानते हुए इसे जनहित याचिकाओं की सुनवाई करने वाली खंडपीठ के समक्ष सूचीबद्ध करने का आदेश दिया है।
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