स्टॉक का प्रयास विफल
पहले भाव कम थे तब किसानों ने प्याज खेतों में स्टॉक कर रोके थे, लेकिन बाद अत्यधिक गर्मी व मौसम खराब होने की वजह से अधिकांश किसानों ने औने पौने दाम में प्याज की फसल बेच डाली। कुछेक ने स्टॉक करने की कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हुए। कुछ प्याज सूखकर तो कुछ सड़कर खराब हो गए।
तीन साल से यही हालात
किसानों का कहना है पिछले तीन साल से हर साल यही हालात रहते हैं। प्याज की फसल जब पक कर बेचने लायक होते हैं तो भाव गिर जाते हैं और प्याज खेतों से निकलते ही भाव बढ़ जाते हैं। बीते साल नवंबर से इस साल फरवरी तक प्याज के भाव 50 रूपए प्रति किलो पहुंच गए थे। जैसे ही फसल पककर तैयार हुई तो भाव पांच गुणा गिर गए थे।
प्याज का स्टॉक करना मुश्किल
प्याज ऐसी फसल है, जिसका स्टॉक करना किसानों के लिए बेहद मुश्किल हैं। कोल्ड स्टोरेज बिना यह फसल सुरक्षित नहीं रह सकती हैं। साधारण तरीके से रोके तो प्याज सड़ने व सूखने का डर गुणवत्ता कम होने का भय रहता हैं। किसानों का कहना है कि बिचौलियों के पास विशाल कोल्ड स्टोरेज होने के कारण उनमे प्याज स्टॉक कर सीजन निकलने के बाद महंगे दाम पर बेचते हैं। सरकार का नियंत्रण नहीं होने से किसानों को तो प्याज की लागत भी नहीं मिली और बिचौलिये मोटी कमाई कर रहे हैं। आमजन तक प्याज महंगा होकर पहुंच रहा है।