बच्चों को खतरा कम है, लेकिन… स्कूल खुल रहे हैं, शत प्रतिशत उपस्थिति के साथ। देखिए, बच्चों को खतरा कम ही है। उसका कारण बच्चों का इम्यून सिस्टम डिफरेंट बिहेव करता है। कोविड की वजह से निमोनिया होने के चांस बहुत कम है, लेकिन ये जरूर हैं कि तीन-चार सप्ताह बाद पोस्ट कोविड यानी मल्टीसिस्टम इंफ्रोमेट्री सिंड्रोम- चिल्ड्रन उसके केस आ सकते हैं, इसका समय पर सही पहचान कर इलाज हो जाता है। ऐसे में ज्यादा प्रॉब्लम की संभावना कम है। ये बात जरूर हैं कि हेल्थ एजुकेशन बिहेवियर करने की जरूरत है। हेल्थ के बारे में बच्चों को अलग तरीके से बताना होगा। फेस मास्क तो हमें और भी बीमारियों से बचाएगा।
– डॉ. कुलदीपसिंह, विभागाध्यक्ष, शिशु रोग विभाग, एम्स जोधपुर —— जो बच्चा बीमार, उसे घर भेज दें, बीमारी का पता लगवाएं
कोविड पूरी तरह से समाप्त नहीं हुआ है और बच्चों की ऑनलाइन स्टडी इतनी बेहतर नहीं रही। स्कूल पूर्ण रूप से खुल रहे है, लेकिन अभी तक की स्टडी में बच्चों को कोरोना ने विशेष नुकसान नहीं दिया है। पूर्ण संभावनाएं हैं कि आगे भी बच्चों को नुकसान नहीं होगा। एमआइएसटी, जो पोस्ट कोविड है, उसका इलाज भी सुलभ है। स्कूल व्यवस्थाएं ऐसी बनाएं कि बच्चे मास्क लगाएं। हाइजिन मेंटेन रखें। ताकि बच्चे ज्यादा वायरस की चपेट में न आएं और न बीमार पड़े। एक बच्चा बीमार पड़े तो उसे तुरंत घर भेज दें और प्रोपर मॉनिटरिंग करें कि उसको क्या बीमारी हुई?
कोविड पूरी तरह से समाप्त नहीं हुआ है और बच्चों की ऑनलाइन स्टडी इतनी बेहतर नहीं रही। स्कूल पूर्ण रूप से खुल रहे है, लेकिन अभी तक की स्टडी में बच्चों को कोरोना ने विशेष नुकसान नहीं दिया है। पूर्ण संभावनाएं हैं कि आगे भी बच्चों को नुकसान नहीं होगा। एमआइएसटी, जो पोस्ट कोविड है, उसका इलाज भी सुलभ है। स्कूल व्यवस्थाएं ऐसी बनाएं कि बच्चे मास्क लगाएं। हाइजिन मेंटेन रखें। ताकि बच्चे ज्यादा वायरस की चपेट में न आएं और न बीमार पड़े। एक बच्चा बीमार पड़े तो उसे तुरंत घर भेज दें और प्रोपर मॉनिटरिंग करें कि उसको क्या बीमारी हुई?
– डॉ. मनीष पारख, सीनियर प्रोफेसर, शिशु रोग विभाग, डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज 100 प्रतिशत दिमाग में टेंशन है
अभी तक तो 50 प्रतिशत हाजरी के साथ बुलाया जा रहा था। सौ प्रतिशत उपस्थिति में खतरा तो रहेगा। इसके अलावा डेंगू फीवरी, जीका वायरस कहर देखने को मिल रहा है। ऐसे में बच्चों को स्कू ल भेजना या गु्रप में भेजना चिंता का विषय है। साथ ही कोरोना का कहर भी थमा नहीं है। मन में घबराहट है। स्कूल प्रशासन से उम्मीद हैं कि पूरा अनुशासन रखे। उनकी जागरूकता व सजगता की अहम भूमिका सामने आनी चाहिए।
अभी तक तो 50 प्रतिशत हाजरी के साथ बुलाया जा रहा था। सौ प्रतिशत उपस्थिति में खतरा तो रहेगा। इसके अलावा डेंगू फीवरी, जीका वायरस कहर देखने को मिल रहा है। ऐसे में बच्चों को स्कू ल भेजना या गु्रप में भेजना चिंता का विषय है। साथ ही कोरोना का कहर भी थमा नहीं है। मन में घबराहट है। स्कूल प्रशासन से उम्मीद हैं कि पूरा अनुशासन रखे। उनकी जागरूकता व सजगता की अहम भूमिका सामने आनी चाहिए।
– राजेश व्यास, अभिभावक अभिभावकों के सहयोग से करेंगे बच्चे जागरूक
विद्यार्थियों को मास्क लगाने के लिए कहा जाएगा। हाथ बराबर सेनिटाइजर करते रहे। सोशल डिस्टेंस का ध्यान रखेंगे। अभिभावकों का सहयोग लेते हुए बच्चों को जागरूक किया जाएगा। शिक्षक व स्टाफ भी ध्यान रखेंगे।
विद्यार्थियों को मास्क लगाने के लिए कहा जाएगा। हाथ बराबर सेनिटाइजर करते रहे। सोशल डिस्टेंस का ध्यान रखेंगे। अभिभावकों का सहयोग लेते हुए बच्चों को जागरूक किया जाएगा। शिक्षक व स्टाफ भी ध्यान रखेंगे।
– रामनिवास चौधरी, संचालक, निजी स्कूल सभी मास्क लगाए रखेंगे
दिशा-निर्देश के अनुसार सारी तैयारियां कर ली गई है। पूरी क्षमता से विद्यालय संचालित होंगे। शिक्षक, स्टाफ व विद्यार्थी सभी को अनिवार्य रूप से मास्क लगाए रखना होगा।
दिशा-निर्देश के अनुसार सारी तैयारियां कर ली गई है। पूरी क्षमता से विद्यालय संचालित होंगे। शिक्षक, स्टाफ व विद्यार्थी सभी को अनिवार्य रूप से मास्क लगाए रखना होगा।
– प्रेमचंद सांखला, संयुक्त निदेशक, स्कूल शिक्षा, जोधपुर मंडल