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जोधपुर

एसी कोच में मूलभूत सुविधाएं नहीं होने पर रेलवे पर बीस हजार का हर्जाना

जागो उपभोक्ता जागो

जोधपुरFeb 05, 2021 / 06:50 pm

rajesh dixit

एसी कोच में मूलभूत सुविधाएं नहीं होने पर रेलवे पर बीस हजार का हर्जाना

एसी कोच में मूलभूत सुविधाएं नहीं होने पर रेलवे पर बीस हजार का हर्जाना

जोधपुर.सरकारी या निजी किसी भी सेवा प्रदाता कंपनी या विभाग द्वारा निर्धारित शुल्क वसुलने के बाद भी पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध नहीं करवाते हैं तो उसके खिलाफ उपभोक्ता अदालत में शिकायत कर सकते हैं यदि आपकी शिकायत जायज और सेवा में कमी के दायरे में आती है तो आपको हर्जाना मिल सकता है। ऐसे ही एक मामलें में उपभोक्ता अदालत ने रेलवे की सेवा में कमी को गम्भीर मानते हुए उपभोक्ता को हर्जाना देने का आदेश दिया।
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग द्वितीय ने ट्रेन के वातानुकूलित कोच में आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराने पर रेलवे पर हर्जाना लगाया है।
बनाड़ रोड निवासी आलोक डोभाल ने उतरी पश्चिमी रेलवे के जनरल मैनेजर व डीआरएम बीकानेर के विरुद्ध परिवाद प्रस्तुत कर आयोग को बताया कि उसने जोधपुर से आरक्षण करवाकर 24 जून 2002 को हरिद्वार से जोधपुर के लिए ट्रेन में एसी थ्री टायर कोच में यात्रा शुरू की, सुबह सूरतगढ़ स्टेशन पर उसके द्वारा नित्यकर्म हेतु टायलेट का प्रयोग करना चाहा तो टायलेट गंदा होने के साथ-साथ उसमें पानी भी खत्म हो चुका था। इसकी शिकायत टीटीई को करने पर उसने बीकानेर स्टेशन से पहले कोच में पानी भरवाने की सुविधा नहीं होना बतलाते हुए असमर्थतता जाहिर की। रेलवे द्वारा आयोग में प्रस्तुत ज़बाब में कहा गया कि ट्रेन रवाना होते समय हरिद्वार में कोच में पानी भरवा दिया गया था। रास्ते में यात्रियों द्वारा अपव्यय कर पानी खत्म कर दिया गया था, जिसके लिए रेलवे को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है। आयोग के अध्यक्ष श्यामसुन्दर लाटा, सदस्य अनुराधा व्यास तथा आनंदसिंह सोलंकी की बैंच ने सुनवाई के बाद अपने निर्णय में कहा कि यात्रा के दौरान यात्रियों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराना रेलवे का दायित्व है। ट्रेन रवाना होने के बारह घंटे बाद कोच में पानी खत्म हुआ है जबकि रास्ते में भटिंडा स्टेशन पर पानी भरने की सुविधा होने के बावजूद विभाग द्वारा इसका कोई उपयोग नहीं किया गया। आयोग ने एसी कोच में पर्याप्त सफाई व पानी उपलब्ध नहीं होना स्पष्टतया कर्मचारियों की लापरवाही होकर रेलवे की सेवा में कमी होना निर्धारित किया तथा टायलेट का उपयोग नहीं करने के कारण परिवादी को हुई मानसिक प्रताड़ना की क्षतिपूर्ति के रूप में बीस हजार रुपए की राशि आदेश दिया है।

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