यह भी पढ़ें
कार को घसीटते हुए ले गया ट्रेलर, जोधपुर के 4 दोस्तों की दर्दनाक मौत, देखें हादसे का खौफनाक VIDEO
सोशल मीडिया के मार्फत संदिग्ध लोगों की पहचान राज्य में संदिग्ध गतिविधियों से जुड़े बदमाशों पर नजर रखे हुए है। सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म के माध्यम से लगातार मॉनिटरिंग हो रही है। इसके लिए एनआइए की एक सैल को जिम्मा सौंपा गया है।सूत्रों की मानें तो पंजाब का हार्डकोर बदमाश लॉरेंस बिश्नोई की गैंग न सिर्फ पंजाब बल्कि राजस्थान के कई जिलों में सक्रिय है। राज्यभर में उसके समर्थक भी हैं। ऐसे में एनआइए का मुख्य मकसद लॉरेंस बिश्नेाई व उसकी गैंग का राज्य के युवाओं व अन्य अपराधिक गतिविधि से जुड़ाव का पता लगाना भी है। इसी के चलते विशेष सतर्कता व जांच चल रही है। यह भी पढ़ें
Weather Alert: पहले आंधी फिर मूसलाधार बारिश से बेहाल हुआ शहर, देखें चौंकाने वाला VIDEO
केस : 1 21 फरवरी : एनआइए ने लम्बे समय से फरार हार्डकोर कैलाश मांजू के चौपासनी बाइपास पर फ्लैट व भाटेलाई पुरोहितान गांव में मकान पर दबिश दी थी। कैलाश मांजू तो नहीं मिला, लेकिन फ्लैट से कुछ दस्तावेज व मोबाइल जब्त किए गए थे। गांव में भाई को नोटिस देकर जांच के लिए दिल्ली तलब किया गया था। केस : 2 17 मई : एनआइए ने मण्डोर क्षेत्र के नौ मील में मकान पर दबिश देकर अरविंद बिश्नोई को हिरासत में लिया था। मण्डोर थाने में दिनभर पूछताछ के बाद उसे छोड़ दिया गया था। मण्डोर थाना पुलिस ने भी उससे पूछताछ की थी। बाद में भोजासर थाना पुलिस ने उससे एक देसी कट्टा जब्त किया था। उसने सोशल मीडिया पर हथियार संग फोटो अपलोड किए थे और लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़े होने का भी अंद
केस : 3 17 मई : एनआइए की एक अन्य टीम ने पीपाड़ सिटी निवासी सुरजीत उर्फ सुजीत बिश्नोई को पकड़ा था। पीपाड़ सिटी थाने में लंबी पूछताछ करने के बाद छोड़ा गया था। उसे एनआइए के जांच अधिकारी के समक्ष पेश होने का नोटिस दिया गया था। उसके खिलाफ पंजाब के फाजिल्का थाने में अवैध हथियार तस्करी का मामला दर्ज है