जोधपुर के निम्बा-निम्बड़ी से निकल रही जलधारा है चमत्कारी, चर्म रोगों से मिलती है निजात सूर्य नगरी में हर तीसरे साल पुरुषोत्तम मास में आयोजित भोगीशैल परिक्रमा शहर के प्राचीन मंदिरों अरणेश्वर, भद्रेशिया, बैजनाथ महादेव, मंडलनाथ होते हुए निंबा तीर्थ होकर गुजरती है। स्कंद पुराण के 16वें अध्याय में निम्बा तीर्थ को सभी तरह के पापों को हरण करने वाला वर्णित किया गया है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार प्राचीन काल में निंबा नाम का एक भक्त यहां पर कुष्ठ रोग से पीडि़त होकर अत्यंत व्याकुल स्थिति में पहुंचा था।
गंगा के साक्षात अवतरण के बीच जोधपुर के बेरीगंगा धाम में विराजे हैं बेरेश्वर महादेव, दर्शन व स्नान का है महत्व तीर्थ परिसर में भगवान शिव और सूर्य की आराधना से उसे कुष्ठ रोग से मुक्ति मिली थी। चर्म रोगों में लाभ मिलने की मान्यता के चलते यहां कुष्ठ आश्रम की स्थापना की गई थी। पहाड़ी क्षेत्र में हनुमान लंगूरों का प्राकृतवास भी है। संत अरुणदास ने बताया कि श्रावण मास की हरियाली अमावस्या को भी मेला भरता है।