जोधपुर ब्याही उदयपुर की राजकुमारी के आराध्य रहे हैं इकलिंग महादेव, भूतेश्वर वन क्षेत्र में हैं स्थापित बताया जाता है कि देवी मूर्तियां जोधपुर के भीतरी शहर नवचौकियां मोहल्ले की बगेची से लाकर प्रतिष्ठित की गई थी। प्रतिमाओं के बीच लेख से सिद्ध होता है कि मंदिर विक्रम संवत 1877 तदनुसार 1820 में महाराजा मानसिंह के राज्यकाल में बनवाया गया होगा। मंदिर से जुड़े गुरु गोविन्द कल्ला ने बताया कि प्राचीन मंदिर में पहले समाज की न्यात पंचायत हुआ करती थी। मंदिर के विकास के लिए न्यात में भी यह निश्चित किया गया था कि प्रत्येक पुष्करणा ब्राह्मणों के परिवार में मांगलिक आयोजन होने पर मंदिर में कुछ ना कुछ भेंट दी जाएगी ताकि मंदिर का विकास हो सके।
टेलीफोन ऑफिस के पास बनाया शिव मंदिर और नाम कहलाया दूरसंचारेश्वर महादेव मंदिर मां उष्ट्रवाहिनी शोभायात्रा आजपुष्करणा समाज की कुलदेवी मां उष्ट्रवाहिनी के प्राकट्य दिवस की पूर्व संध्या पर सोमवार शाम शोभायात्रा आयोजित की जाएगी। शोभायात्रा शाम 6 बजे फतेहपोल से नवचौकिया, जूनी मंडी, आडा बाजार, जालोरी गेट होते हुए गोल बिल्डिंग के पास जबरेश्वर महादेव मंदिर पर विसर्जित होगी। शोभायात्रा समिति के संयोजक गोविन्द राजपुरोहित ने बताया कि उष्ट्रवाहिनी की पूजा अर्चना कर शोभायात्रा को हरी झंडी दिखाई जाएगी। शोभायात्रा के मार्ग में वरिष्ठजनों का सम्मान किया जाएगा। मां उष्ट्रवाहिनी महोत्सव समिति के तत्वावधान में रविवार को सुमेर पुष्टिकर स्कूल में नंदा बोहरा के सान्निध्य में मेहंदी तथा रंगोली प्रतियोगिता में पुष्करणा समाज की बालिकाओं तथा महिलाओं ने भाग लिया था।