कई सिण्डीकेट व सीनेट बैठकें बाधित की, आज तक कुछ नहीं हुआ
विवि प्रशासन का यह निर्णय कई शिक्षकों के गले नहीं उतर रहा है। इस बार विवि ने न जांच कमेटी बनाई और न ही छात्रों से उनका पक्ष जाना, सीधा निलंबन कर दिया। निलंबन भी अनिश्चितकाल के लिए किया गया है। जिसको खुद छात्र भी नहीं समझ रहे हैं। विवि में सभी छात्र संगठनों के बैनर तले छात्रों ने सीनेट और सिण्डीकेट की बैठकों में दर्जनों बार भारी विरोध प्रदर्शन किए गए हैं, लेकिन निलंबन की कार्यवाही नहीं के बराबर होती आई है। अक्सर विद्यार्थियों को चेतावनी देकर छोड़ दिया जाता है।
विवि प्रशासन का यह निर्णय कई शिक्षकों के गले नहीं उतर रहा है। इस बार विवि ने न जांच कमेटी बनाई और न ही छात्रों से उनका पक्ष जाना, सीधा निलंबन कर दिया। निलंबन भी अनिश्चितकाल के लिए किया गया है। जिसको खुद छात्र भी नहीं समझ रहे हैं। विवि में सभी छात्र संगठनों के बैनर तले छात्रों ने सीनेट और सिण्डीकेट की बैठकों में दर्जनों बार भारी विरोध प्रदर्शन किए गए हैं, लेकिन निलंबन की कार्यवाही नहीं के बराबर होती आई है। अक्सर विद्यार्थियों को चेतावनी देकर छोड़ दिया जाता है।
20 हजार छात्रों का चुना हुआ लीडर हूं
मुझे विवि के 20 हजार छात्रों ने चुनकर अध्यक्ष बनाया है। मैं थोपा हुआ नहीं हूं। मैंने केवल शुल्क बढ़ोतरी का विरोध किया था। न टेबलें बजाई, न कुर्सी पर बैठा, ज्ञापन देकर अपनी बात रखकर वापस आ गए थे। यह लोकतंत्र के विरुद्ध है।
– रवींद्र सिंह भाटी, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष जेएनवीयू जोधपुर
मुझे विवि के 20 हजार छात्रों ने चुनकर अध्यक्ष बनाया है। मैं थोपा हुआ नहीं हूं। मैंने केवल शुल्क बढ़ोतरी का विरोध किया था। न टेबलें बजाई, न कुर्सी पर बैठा, ज्ञापन देकर अपनी बात रखकर वापस आ गए थे। यह लोकतंत्र के विरुद्ध है।
– रवींद्र सिंह भाटी, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष जेएनवीयू जोधपुर
नहीं मिला विवि का पक्ष
(विवि का पक्ष जानने के लिए चीफ प्रोक्टर डॉ सुरेश सांखला से सम्पर्क करना चाहा लेकिन हमेशा की तरह उन्होंने मोबाइल पर कॉल रीसिव नहीं की।) …………………………… शुल्क बढ़ोतरी नहीं की
विवि प्रशासन ने शुक्रवार को एक प्रेस नोट जारी करके बताया कि उन्होंने इस साल शुल्क में किसी तरह की बढ़ोतरी नहीं की है। विश्वविद्यालय प्रशासन राज्य सरकार की अनुमति के बिना किसी भी प्रकार की शुल्क की वृद्धि नहीं करता है और न ही सरकार की अनुमति के बिना शुल्क घटा सकता है।
(विवि का पक्ष जानने के लिए चीफ प्रोक्टर डॉ सुरेश सांखला से सम्पर्क करना चाहा लेकिन हमेशा की तरह उन्होंने मोबाइल पर कॉल रीसिव नहीं की।) …………………………… शुल्क बढ़ोतरी नहीं की
विवि प्रशासन ने शुक्रवार को एक प्रेस नोट जारी करके बताया कि उन्होंने इस साल शुल्क में किसी तरह की बढ़ोतरी नहीं की है। विश्वविद्यालय प्रशासन राज्य सरकार की अनुमति के बिना किसी भी प्रकार की शुल्क की वृद्धि नहीं करता है और न ही सरकार की अनुमति के बिना शुल्क घटा सकता है।