रेलवे को कुछ समय से यह जानकारी मिल रही थी कि कई कर्मचारी लंबे समय से अनुपस्थित होने के बाद भी उनका वेतन उठाया गया है। इस पर रेलवे बोर्ड ने आदेश जारी कर कहा कि कर्मचारी के काम का सत्यापन उसके प्रभारी द्वारा किया जाए और सत्यापन गलत हो तो प्रभारी के वेतन से राशि काटी जाए। इसके बाद जमीनी रिपोर्ट तैयार की गई, जिसमें देशभर के करीब 13521 कर्मचारी अनुपस्थित पाए गए। इसमें उत्तर पश्चिम रेलवे के भी 360 कर्मचारी शामिल हैं।
रेलवे ने बदले नियम
रेलवे में अनुपस्थित चल रहे कर्मचारी जिम्मेदारों के साथ मिलकर वेतन उठा लेते थे। जिसके कारण रेलवे का काम प्रभावित होता था। रेलवे बोर्ड ने गत वर्ष जोनल रेलवे व उत्पादन इकाइयों को तीन स्तर पर कर्मचारी के काम का सत्यापन करने के आदेश दिए ताकि अनुपस्थित रहते हुए वेतन उठाने वालों पर अंकुश लग सके।
रेलवे में अनुपस्थित चल रहे कर्मचारी जिम्मेदारों के साथ मिलकर वेतन उठा लेते थे। जिसके कारण रेलवे का काम प्रभावित होता था। रेलवे बोर्ड ने गत वर्ष जोनल रेलवे व उत्पादन इकाइयों को तीन स्तर पर कर्मचारी के काम का सत्यापन करने के आदेश दिए ताकि अनुपस्थित रहते हुए वेतन उठाने वालों पर अंकुश लग सके।
इनका कहना है
‘रेलवे के अपील व अनुशासन नियमों के तहत लंबे समय से अनुपस्थित चल रहे कर्मियों को एक मौका देना चाहिए। उनको बुलाकर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाए, फिर भी वे लोग नहीं आएं तो उनको घर भेजने की कार्यवाही कर सकता है। एकदम उनको बर्खास्त करना उचित नहीं होगा।
‘रेलवे के अपील व अनुशासन नियमों के तहत लंबे समय से अनुपस्थित चल रहे कर्मियों को एक मौका देना चाहिए। उनको बुलाकर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाए, फिर भी वे लोग नहीं आएं तो उनको घर भेजने की कार्यवाही कर सकता है। एकदम उनको बर्खास्त करना उचित नहीं होगा।
मनोजकुमार परिहार, मण्डल सचिव, नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एम्प्लॉयज यूनियन