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क्षेत्र के बारनी खुर्द गांव निवासी गुमानराम पारासरिया के खेत में एक टिटहरी के दिए गए चार अंडों को देखकर तो किसान खासे खुश नजर आ रहे हैं। पूर्व आरआई गुमानराम ने बताया कि चाहे विज्ञान इसको नहीं मानता हो, लेकिन ग्रामीण व किसान इस बात को पूरी तरह से मानते हैं कि अक्सर टिटहरी जमीन पर ही अंडे देती है, लेकिन यदि टिटहरी के ये अंडे किसानों को जमीन तल से किसी ऊंची जगह या ऊंचाई वाले स्थान पर मिल जाए, तो उस साल बरसात बहुत अच्छी होती है। यह भी पढ़ें
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वहीं इसके विपरीत यदि ये अंडे किसी निचले स्थान पर मिल जाएं, तो किसानों को अनुमान हो जाता है कि इस बार बरसात कम ही होगी। किसान नरेश चौधरी ने बताया कि आसपास के इलाकों के अन्य किसानों से भी पता किया, तो बताया कि चार-पांच अन्य जगहों पर भी टिटहरी ने ऊंचे स्थान पर ही अंडे दिए हैं, जो कि अच्छी बरसात के संकेत है। किसान जीवणराम जाखड़ का कहना है, कि टिटहरी के अंडों को लेकर किसानों का जमाने के संबंध में लगाया जाने वाला यह अनुमान आमतौर पर सटीक ही बैठता है। क्योंकि ऐसा माना जाता है कि टिटहरी पक्षी को बारिश का पूर्वाभास हो जाता है और वह उसी अनुसार पानी से बचाव के लिए अपने अंडे देने का स्थान तय करती है। ऐसे में टिटहरी के इन अंडों के आधार पर ही किसान भी मानसून का अंदाजा लगा लेते हैं।