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साइबर विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दिनों में चुनाव के नाम पर और अधिक साइबर हमले, भ्रमित करने वाले मैसेज और मोबाइल यूजर्स को लुभाने की कोशिश की जाएगी। ऐसे में सावधान रहने की जरूरत है। फर्जी यूआरएल में सामान्यत: डेबिट और क्रेडिट कार्ड की जानकारी मांगते हैं। हैकर्स यूपीआई खाते तक भी पहुंच जाते हैं। इससे फ्री में रिचार्ज की बजाय मोबाइल यूजर्स के खाते से राशि डेबिट हो जाती है।
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यूजर्स यह बरतें सावधानी
– मैसेज भेजने वाले का नाम जांचें। यदि टेलीकॉम विभाग ऐसा कोई संदेश भेजता है तो भेजने वाले के नाम में डीआईटी जैसा की-वर्ड शामिल होगा।
– ऐसे लिंक पर कभी भी क्लिक न करें जो प्रामाणिक न लगे।
– किसी अज्ञात प्रेषक की ओर से प्रेषित किए गए लिंक पर क्लिक न करें।
– ऐसे किसी भी लिंक पर क्लिक करने से पहले यूआरएल को अच्छे से पढ़ लें।
– जीओवी डोट इन डोमेन से मूर्ख न बनें। सभी जीओवी डोट इन डोमेन भारत सरकार के नहीं हैं।
– कोई भी व्यक्ति ऑनलाइन कुछ भी फ्री में नहीं देता है।
इनका कहना है
फिलहाल पीएम मोदी के नाम से ऐसे फर्जी मैसेज वायरल हो रहे हैं। आने वाले दिनों और अन्य राजनेताओं और राजनीतिक पार्टियाें के नाम से मैसेज आएंगे। मोबाइल यूजर्स सावधान रहें।
– प्रिया सांखला, साइबर एक्सपर्ट व एडवोकेट