तैयारियों को लेकर चर्चा
सोजतिया बास घांची समाज विकास समिति के अध्यक्ष गंगाराम सोलंकी व सचिव कमलेश भाटी ने बताया कि बैठक में शुक्रवार को होने वाले धणी कार्यक्रम की तैयारियों को लेकर चर्चा की गई। इसमें राजेन्द्र सोलंकी, सत्यनारायण सोलंकी, मगराज भाटी, श्यामलाल भाटी, जितेन्द्र सोलंकी, जगदीश पवार, रमेश सोलंकी, रमेश धाणदिया, रामेश्वर निकुब मौजूद थे।
दो बालक होते हैं मूल केन्द्र बिन्दु
धणी अनुष्ठान 4-5 घंटे तक चलता है। इस अनुष्ठान में मूल केन्द्र बिन्दु दो कम उम्र के बालक होते हैं, जिनका धणी अनुष्ठान के लिए चयन किया जाता है। अनुष्ठान में दोनों बालकों को स्नान के बाद आमने-सामने खडा किया जाता है। उनके हाथों मे बांस की दो खप्पचियां, इनमें एक पर कुमकुम तो दूसरी पर काजल लगाया जाता है। इनमें कुमकुम लगी खप्पची को सुकाल (अच्छा जमाना) व काजल लगी खप्पची को काल (अकाल) के रूप में दर्शाया जाता है। उसके नीचे बनी मिट्टी की वेदी पर सात तरह के अनाज, गुड़ व पताशे रखे जाते हैं। बाद में हवन वेदी पर एक थम्ब पर सूल (देसी बबूल का कांटा) लगा दिया जाता है। हवन अनुष्ठान के दौरान यह बालक खप्पचियां लिए खड़े रहते है। खप्पची के सूल से टकराने पर संकेत दिए जाते हैं। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान यह बालक खड़े रहते हैं।