अनबन के चलते साथी श्रमिक ने कसी से की थी हत्या
जोधपुर.
जिले की बिलाड़ा थाना पुलिस ने जैतीवास गांव में दम्पती व पुत्र की ब्लाइण्ड हत्या का २४ घंटे में पर्दाफाश कर बुधवार शाम मृतक के साथ काम करने वाले युवक को गिरफ्तार किया। आपसी अनबन के चलते खेती में प्रयुक्त होने वाली कसी से उसने सो रहे श्रमिक की हत्या की थी। जाग होने व पहचान के डर से पत्नी और चारों बच्चों पर भी हमला कर दिया था।
पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) राहुल बारहठ के अनुसार जैतीवास गांव में दम्पती व पुत्र की हत्या का खुलासा कर दिया गया है। जैतीवास गांव निवासी मोतीराम (१९) पुत्र प्रेमप्रकाश सरगरा को गिरफ्तार किया गया है। वह मृतक जवरीलाल के साथ ही बबूल से कोयला बनाने का काम करता था। आपसी अनबन के चलते उसने जवरीलाल की हत्या करना तय किया था। इसके लिए वह सोमवार देर रात गांव से ढाई किमी दूर सुनसान जगह पर बने जवरीलाल के कच्चे डेरे पर गया था, जहां उसने सो रहे जवरीलाल पर कसी से घातक वार कर दिया था।
कार्रवाई में थानाधिकारी मनीष देव, डीएसटी के निरीक्षक नरेन्द्र पूनिया, निरीक्षक राजीव भादू, एसआई रामकुमार, नंदकिशोर और विशेष टीम के श्रवण भंवरिया, हनुमानराम, देवाराम बिश्नोई, मोहनराम व मदनलाल शामिल थे। सभी को पुरस्कार की घोषणा की गई है।
सभी को मृत समझकर भागा था आरोपी
एएसपी सुनील के पंवार ने बताया कि दम टूटने से पहले मृतक के चिल्लाने की आवाज से कुछ दूरी पर सोई पत्नी तोलादेवी व चारों बच्चे जाग गए थे। पहचान उजागर होने के डर से मोतीराम ने महिला व उसके चारों बच्चों पर भी कसी से हमला कर दिया था। सभी को मृत समझ आरोपी हमले में प्रयुक्त कसी लेकर भाग गया था। पुलिस मौके पर पहुंची तो मृतक के सम्पर्क वालों से जांच की गई। संदेह होने पर मोतीराम से गहन पूछताछ की गई तो उसने हत्या करना कबूल कर लिया।
मृतक ने मजदूरी के दिए ५०० रुपए
पुलिस का कहना है कि जैतारण तहसील में बिखरड़लाई गांव निवासी जवरीलाल चौकीदार दस-पन्द्रह दिन पहले ही मजदूरी के लिए पत्नी व बच्चों के साथ जैतीवास आया था। खेत में तिरपाल से डेरा बनाया था व बबूल की झाडि़यों से कोयला बनाने का काम करने लगा था। आरोपी मोतीराम भी उसके साथ मजदूरी करने लग गया था। कुछ दिन पहले ही उसने मोतीराम को मजदूरी के पांच सौ रुपए दिए थे।
गिरफ्तारी व मुआवजे को दिनभर नहीं उठाया शव
उधर, हत्याकाण्ड के आरोपी की गिरफ्तारी और मृतक के आश्रितों को मुआवजा दिलाने की मांग को लेकर चौकीदार समाज के लोग बिलाड़ा के राजकीय चिकित्सालय के बाहर धरने पर बैठ गए। उन्होंने शव उठाने से मना कर दिया। आरोपी को पकडऩे व मुआवजे पर सहमति बनने पर उन्होंने तीनों शव उठाए और अंतिम संस्कार के लिए पैतृक गांव ले गए। उधर, हमले में घायल पुत्री सोना के सिर में चोट का एमडीएम अस्पताल में ऑपरेशन किया गया।