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जोधपुर

Digital Arrest : हैण्डीक्राफ्ट व्यवसायी से इस तरह वसूले 1.13 करोड़ रुपए…

– एयरपोर्ट पर पार्सल में ड्रग्स व संदिग्ध सामग्री होने का बताकर एक्सपोर्टर को किया था डिजिटल अरेस्ट

जोधपुरAug 25, 2024 / 12:50 am

Vikas Choudhary

Digital arrest

साइबर थाना पुलिस की गिरफ्त में आरोपी।

जोधपुर.

पुलिस कमिश्नरेट जोधपुर की साइबर थाना पुलिस ने डरा धमकाकर हैण्डीक्राफ्ट व्यवसायी को डिजिटल अरेस्ट कर 1 .13 करोड़ रुपए ऐंठने के मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया। आरोपी फर्जी या परिचित के बैंक खातों का दुरुपयोग कर साइबर ठगी कर रहे थे।
सहायक पुलिस आयुक्त व थानाधिकारी जयराम मुण्डेल ने बताया कि प्रकरण में बैंक खाता नम्बर के आधार पर तलाश के बाद गुजरात में गिर सोमनाथ निवासी चन्द्रकांत (31) पुत्र रामभाई को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ के बाद मूलत: गिर सोमनाथ हाल सूरत निवासी महेश किडेचा (25) पुत्र हंसमुख कुम्हार को भी गिरफ्तार किया गया। आरोपियों से पूछताछ की जा रही है।
आरोपियों के मोबाइल की जांच की गई तो तिरूपति एंटरप्राइजेज का बैंक खाता उपयोग में लेने की जानकारी सामने आई। साइबर ठगों के साथ मिलकर आरोपी इस बैंक खाते में रुपए जमा करवाते थे और फिर रुपए निकालकर ऐश मौज करते थे। कार्रवाई में एएसआइ कानसिंह, सहायक प्रोग्रामर पुनीत गहलोत, कांस्टेबल नरपतसिंह, महिपाल व महेन्द्र शामिल थे।

गिरफ्तारी का डर दिखाकर किया था डिजिटल अरेस्ट

हैण्डीक्राफ्ट व्यवसायी के पास दो-तीन माह पहले अनजान नम्बर से कॉल आया था। उसने एयरपोर्ट पर सुरक्षा अधिाकरी बताया था। एयरपोर्ट पर पार्सल में एमडी ड्रग्स के साथ ही संदिग्ध सामग्री मिलने की जानकारी दी थी। उसने व्यवसायी को गिरफ्तार करने की धमकियां दी थी। जांच करने के नाम पर व्यापारी को डरा धमकाकर डिजिटल अरेस्ट कर लिया था। फिर उससे किस्तों में 1.13 करोड़ रुपए ऐंठ लिए गए थे। फिर ठगी का पता लगने पर साइबर ठगी का मामला दर्ज कराया गया था।

कमीशन दिलाने का झांसा देकर खाते का दुरुपयोग

पुलिस का कहना है कि ठग गिरोह उद्यम प्रमाण पत्र, संस्था प्रमाण पत्र, जीएसटी प्रमाण पत्र आदि बनाने में मदद करते हैं और फिर बैंक खाता खुलवाते हैं। खाते में जमा होने वाली राशि के बदले कमीशन का लालच देते हैं। फिर उसे खाताधारक की बगैर जानकारी के खाते को कॉरपोरेट इंटरनेट बैंकिंग से जोड़ते हैं। खाते से संबंधित दस्तावेज, एटीएम व मोबाइल नम्बर हासिल कर लेते हैं। इसके बाद साइबर ठगी से प्राप्त राशि खाते में जमा करवाते हैं और राशि निकाल लेते हैं। अपना दस प्रतिशत कमीशन ऐप से हासिल कर लेते हैं। खाताधारक को पता लगने से पहले रुपए निकाल लेते हैं और मोबाइल सिम बंद कर भाग जाते हैं।

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