राज्य सरकार की ओर से वर्ष 2020-21 बजट में सेन्ट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम की तर्ज पर आरजीएचएस स्कीम लागू की थी। प्रदेश में यह योजना कैशलेस चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए लागू की गई है।
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5 हजार से अधिक कर्मचारी प्रभावित
आरजीएचएस योजना में राजस्थान सहकारी डेयरी फैडरेशन अर्द्धसरकारी कार्मिकों का अंशदान पहले 60 हजार रुपए प्रति कर्मचारी तय हुआ था, इसमें फैडरेशन तैयार हो गया। बाद में सरकार ने अंशदान बढ़ाकर 1.05 लाख रुपए कर दिए। इसमें भी फैडरेशन ने सहमति जता दी लेकिन सरकार की ओर से बात आगे नहीं बढ़ी। ऐसे में फैडरेशन के कार्मियों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। वर्तमान में डेयरी संघों में कार्यरत कर्मचारियों की संख्या करीब 1200 है और सेवानिवृत्त कार्मिक चार हजार है।
आरजीएचएस योजना में राजस्थान सहकारी डेयरी फैडरेशन अर्द्धसरकारी कार्मिकों का अंशदान पहले 60 हजार रुपए प्रति कर्मचारी तय हुआ था, इसमें फैडरेशन तैयार हो गया। बाद में सरकार ने अंशदान बढ़ाकर 1.05 लाख रुपए कर दिए। इसमें भी फैडरेशन ने सहमति जता दी लेकिन सरकार की ओर से बात आगे नहीं बढ़ी। ऐसे में फैडरेशन के कार्मियों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। वर्तमान में डेयरी संघों में कार्यरत कर्मचारियों की संख्या करीब 1200 है और सेवानिवृत्त कार्मिक चार हजार है।
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डेयरी कार्मिकों को आरजीएचएस योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। हम सरकार की ओर से तय अंशदान देने को तैयार है। इस बारे में मुख्यमंत्री को भी अवगत करवाया है लेकिन अभी इस बारे में कोई सकारात्मक निर्णय नहीं हुआ।
सुधीर शर्मा, एमडी
जोधपुर सरस डेयरी
डेयरी कार्मिकों को आरजीएचएस योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। हम सरकार की ओर से तय अंशदान देने को तैयार है। इस बारे में मुख्यमंत्री को भी अवगत करवाया है लेकिन अभी इस बारे में कोई सकारात्मक निर्णय नहीं हुआ।
सुधीर शर्मा, एमडी
जोधपुर सरस डेयरी