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इस बीच अधिवक्ता अनुभा श्रीवास्तव द्वारा सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) में एक याचिका दायर कर 26 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों को अपने-अपने राज्य के बोर्डों को रद्द करने का निर्देश देने की मांग की है। अधिवक्ता ने इसका मकसद 12 की बोर्ड परीक्षा के निर्णय के साथ समानता बनाए रखना बताया है। आज की सुनवाई में अटॉर्नी जनरल ने बताया कि सीबीएसई मूल्यांकन मानदंड पर तीन सप्ताह में फैसला लेगा। आईसीएससीई के वकील ने यह भी सूचित किया कि उनके पास सांख्यिकीविदों के साथ विशेषज्ञों की एक समिति है जो यथाशीघ्र एक वस्तुनिष्ठ मानदंड पर पहुंचती है। एक वस्तुनिष्ठ मानदंड पर पहुंचने के लिए दोनों पक्षों ने सुप्रीम कोर्ट से चार सप्ताह का समय देने की मांग की। हालांकि, एससी इस पर कहा कि अगर वे चाहें तो इसे रातों-रात कर सकते हैं। इसलिए दो हफ्ते ठीक रहेंगे, जिस पर एजी ने सहमति जताई।वहीं याची और अधिवक्ता ममता शर्मा ने चिंता जताई कि बोर्डों को प्रक्रिया में तेजी लाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पिछले साल यह प्रक्रिया 15 जुलाई, 2021 से पहले आयोजित की गई थी। राज्य बोर्डों के 1.2 करोड़ छात्र हैं। कुछ राज्य बोर्डों ने अभी तक कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षा 2021 पर फैसला अभी तक नहीं लिया है।
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