बता दें, गुरूवार को रोहिताश को
झुंझुनूं के BDK अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, इसके बाद डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर कागजों में
पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी तैयार कर दी थी। गनीमत रही कि चिता पर आग लगाने से पहले युवक की सांसें चलने लग गई थी, लेकिन फिर से युवक की देर रात तबीयत बिगड़ गई।
इसके बाद युवक को झुंझुनूं के BDK अस्पताल से जयपुर के SMS अस्पताल के लिए रैफर किया गया था, लेकिन SMS अस्पताल की इमरजेंसी पहुंचने से पहले रोहिताश ने दम तोड़ दिया। अस्पताल अधीक्षक डॉ. सुशील भाटी ने रोहिताश की मौत की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि रोहिताश के शव को पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी में रखवाया गया है।
दरअसल, रोहिताश को बीते कल झुंझुनूं के भगवान दास खेतान अस्पताल में बेहोशी की हालात में लाया गया था, यहां चिकित्सकों ने रोहिताश को मृत घोषित करते हुए पोस्टमार्टम कर शव परिजनों को सौंप दिया था। लेकिन अंतिम संस्कार से ठीक पहले रोहिताश की सांसें वापस चलने लगी थी और चिता पर हिलने लगा था। इसके बाद परिजन रोहिताश को दोबार BDK अस्पताल लेकर आए थे। इसके बाद रोहिताश को जयपुर रैफर किया गया था, लेकिन रास्ते में ही मौत की जंग हार गया।
इधर, इस घटना में लापरवाही सामने आने के बाद देर रात जिला कलक्टर रामावतार मीणा ने जांच कमेटी बनाई और उनकी अनुशंसा पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख शासन सचिव निशा मीणा ने बीडीके अस्पताल के पीएमओ डॉ. संदीप पचार, डॉ. योगेश कुमार जाखड़ व डॉ. नवनीत मील को निलम्बित कर दिया था।