यह दिए गए हैं आदेश
एनजीटी ने हाल ही दिए अपने फैसले में जल संसाधन विभाग को खनिज, राजस्व, प्रदूषण बोर्ड, सार्वजनिक निर्माण विभाग की सहायता से काटली नदी की भौगोलिक स्थिति की विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए हैं। राजस्व व प्रदूषण बोर्ड के पैरामीटर को ध्यान में रखते हुए यह रिपोर्ट तैयार की जानी है। रिपोर्ट तैयार होने पर चारों जिलों के जिला कलक्टरों की ऑफिशल साइट पर रिपोर्ट डाली जाएगी व काटली नदी क्षेत्र में पीड़ित लोगों से उक्त रिपोर्ट के बारे में आपत्ति मांगी जाएगी। लोगों की आपत्ति आने पर उनका फाइनल निरीक्षण कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
प्रशासन की मदद से हटाएं अतिक्रमण
एनजीटी ने निर्देश दिए हैं कि नियमों का पालना करते हुए काटली नदी क्षेत्र में हो रहे अतिक्रमण को सीकर,
झुंझुनूं, नीमकाथाना व
चुरू जिला प्रशासन की मदद से शीघ्र ही हटाया जाए। काटली नदी में अवैध खनन रोक के लिए खनिज, राजस्व सहित अन्य अन्य विभाग लगातार कार्रवाई जारी रखें।
यह सौंपी गई थी रिपोर्ट
अमित कुमार व कैलाश मीणा की शिकायत पर चार जिलों से गुजरने वाली लगभग 115 किलोमीटर लंबी काटली नदी का मई 2024 में सर्वे किया गया था। भारतीय कंट्रोल बोर्ड ने काटली नदी में बड़े पैमाने पर अवैध खनन, अतिक्रमण मानते हुए रिपोर्ट पेश की थी। जांच टीम को झुंझुनूं से आगे चूरू में काटली नदी का नामोनिशान तक नहीं मिला था। वहीं कई जगह बड़े पैमाने पर अवैध खनन व अतिक्रमण माना था। रिपोर्ट में काटली नदी में अवैध खनन से हो रहे गहरे गढ़ों को डीएमएफटी फंड से समतलीकरण करवाने का सुझाव दिया गया था।
इनका कहना है
राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के आए फैसले की पालना के लिए जल संसाधन विभाग के उच्च अधिकारियों को लिखित रूप से अवगत करवाया गया है। उनके दिशा-निर्देशों के अनुरूप आगे की कार्य योजना बनाई जाएगी। एनजीटी के निर्देशों का पालन करते हुए शीघ्र ही आगे की कार्रवाई शुरू की जाएगी। – नथमल खेदड़, अधिशासी अभियंता जल संसाधन विभाग खंड सीकर