जल भंडारण के अन्य विकल्प भी तलाशें
शर्मा ने कहा कि ताजेवाला हैडवर्क्स परियोजना के तहत जल भंडारण के अन्य विकल्प भी तलाशे जाएं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि परियोजना के तहत जल उपलब्धता के लिए पंपिंग पर निर्भरता कम रखते हुए नैसर्गिक भाव से यमुना से जल लाने पर जोर दिया जाए।
शर्मा ने कहा कि ताजेवाला हैडवर्क्स परियोजना के तहत जल भंडारण के अन्य विकल्प भी तलाशे जाएं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि परियोजना के तहत जल उपलब्धता के लिए पंपिंग पर निर्भरता कम रखते हुए नैसर्गिक भाव से यमुना से जल लाने पर जोर दिया जाए।
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पायलट-गहलोत के बीच खत्म नहीं हुआ शीत युद्ध, वैभव की लगातार दूसरी हार पर दिया बड़ा बयान 17 फरवरी को हुआ था एमओयूगत 17 फरवरी को केंद्र सरकार, राजस्थान सरकार एवं हरियाणा सरकार के मध्य हुए एमओयू के तहत ताजेवाला से प्रवाह प्रणाली के क्रम में डीपीआर बनाने पर सहमति बनी है। इस योजना के मूर्त रूप लेने के बाद राजस्थान को ताजेवाला हेड-वर्क्स से यमुना नदी का पानी मिल सकेगा और बारिश में व्यर्थ बह जाने वाले जल का भी समुचित उपयोग हो सकेगा। प्रोजेक्ट में भूमिगत पाइपलाइनों के माध्यम से यमुना नदी का पानी सीकर, चूरू, नीमकाथाना और झुंझुनू को उपलब्ध कराया जायेगा। यह परियोजना दोनों राज्यों के लिए हितकारी साबित होगी। योजना के धरातल पर उतरने के बाद राजस्थान को उसके हिस्से का पूरा पानी मिलेगा और शेखावाटी क्षेत्र की पेयजल समस्या का समाधान हो सकेगा।
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फैक्ट फाइल:17 फरवरी 2024 को यमुना जल को लेकर हरियाणा, राजस्थान और केंद्र सरकार में एमओयू हुआ।
3 जिलों (चूरू, सीकर, झुंझुनूं) को मिलेगा पेयजल
3 से 4 वाटर रिजर्वेयर बनेंगे झुंझुनूं जिले में
70 हजार हैक्टेयर भूमि सिंचित हो सकती है जिले में योजना के दूसरे चरण में
3 या 4 रिजर्वेयर बनाए जा सकते हैं झुंझुनूं जिले में
263 किमी लंबाई है ताजेवाला हैडवर्क्स (हथिनीकुंड बैराज) से हांसियावास (राजगढ़), जहां से राजस्थान में जल प्रवेश करता है
19136 करोड़ की संभावित लागत है प्रथम चरण की