हालांकि, गुरुवार को वंदे भारत में परोसे गए नाश्ते में कॉकरोच मिलने की घटना के बाद शुक्रवार को झांसी के बेस किचन में सख्ती बरती गई है।
नई व्यवस्था, झांसी का स्वाद:
पहले हजरत निजामुद्दीन से रानी कमलापति रेलवे स्टेशन और हजरत निजामुद्दीन-खजुराहो वन्दे भारत में आने वाला भोजन ग्वालियर बेस किचन से तैयार होकर ट्रेन में चढ़ता था। लेकिन अब यह व्यवस्था बदल गई है। पिछले कुछ दिनों से झांसी में ही खाना बनकर ट्रेन में दिया जा रहा है।
बेहतर भोजन, बेहतर अनुभव:
रेलवे बोर्ड द्वारा वन्दे भारत एक्सप्रेस के बेस किचन के संचालन के लिए नए ठेके दिए गए थे। इनमें से एक ठेका झांसी में बेस किचन चलाने वाली कंपनी को मिला है। वर्तमान में ग्वालियर बेस किचन भोपाल-नई दिल्ली शताब्दी एक्सप्रेस और गतिमान एक्सप्रेस के यात्रियों के लिए भोजन तैयार करता है।
1 जुलाई से बड़ा बदलाव:
रेलवे 1 जुलाई से एक और बड़ा बदलाव करने जा रहा है। ट्रेनों में बेहतर गुणवत्ता वाला भोजन मिल सके, इसके लिए बेस किचन की जिम्मेदारी बढ़ाई जा रही है। अब ट्रेन के पेंट्रीकार में खाना नहीं बनेगा, बल्कि ट्रेन के रूट पर पड़ने वाले बेस किचन से ही इन ट्रेनों में भोजन भेजा जाएगा।
यात्रियों को मिल रहा है लाभ:
झांसी रेल मंडल के जनसंपर्क अधिकारी मनोज कुमार सिंह ने बताया कि झांसी बेस किचन में तैयार भोजन हजरत निजामुद्दीन-रानी कमलापति वन्दे भारत के यात्रियों को मिल रहा है। यह व्यवस्था पिछले कुछ दिनों से ही शुरू हुई है। खाने की जिम्मेदारी आईआरसीटीसी के पास है।