लोग अस्पतालों के लगा रहे चक्कर जिले में जब कोरोना चरम पर था, तब 12.54 लाख वैक्सीनेशन का लक्ष्य रखा गया था। कोरोना खत्म होने पर लगभग 8.5 लाख लोगों ने ही वैक्सीनेशन कराया। कोरोना की नई लहर आते ही वैक्सीनेशन न कराने वाले लोग अब अस्पतालों के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन वहां वैक्सीन न होने से उन्हें निराश होकर लौटना पड़ रहा है। मेडिकल कॉलेज में वैक्सीन की एक भी डोज नहीं है। यही हाल जिला अस्पताल का भी है।
कोरोना के असर के बारे में कुछ भी कहना होगा जल्दबाजी सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य उप केन्द्र सहित निजी अस्पतालों में भी ने कोरोना से बचाव वाली वैक्सीन नहीं है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अभी कोरोना की तीव्रता और घातकता के बारे में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। एहतियात के तौर पर संदिग्ध मरीजों की जांच करायी जा रही है और एक भी पॉजिटिव नहीं मिला है। मेडिकल कॉलेज में 50 बेड का वार्ड आरक्षित कर दिया गया है और जिला अस्पताल में भी तैयारी पूरी रखने को कहा गया है। शासन से वैक्सीनेशन को लेकर अभी कोई निर्देश नहीं आया है।