ट्रेनों में सुरक्षित यात्रा के दावे बेकार
रेलवे द्वारा सुरक्षित यात्रा के किए गए दावे इस घटना के बाद बेकार साबित होते हैं। शनिवार को जीटी एक्सप्रेस से जा रही एक युवती से सेकंड एसी कोच ए-1 में एक सैन्यकर्मी ने छेड़खानी की और रास्ते भर गंदे इशारे करता रहा। युवती की शिकायत के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।
ग्वालियर स्टेशन पर भी नहीं हुई कार्रवाई
जीटी एक्सप्रेस जब ग्वालियर स्टेशन पहुंचने वाली थी, तब सेकंड एसी कोच ए-1 में सीट नंबर 47 पर बैठी युवती ने सैन्यकर्मी द्वारा छेड़खानी की शिकायत टीटीई डिप्टी सीटीआई एसके शर्मा से की। टीटीई ने कंट्रोल रूम को सूचना देकर सुरक्षा कर्मियों को ग्वालियर स्टेशन भेजने को कहा। ट्रेन रात 9.43 बजे ग्वालियर पहुंची, लेकिन सुरक्षा बल ने टीटीई से घटना का मेमो मांगा, जिसे देने से टीटीई ने इनकार कर दिया।
झांसी स्टेशन पर भी नहीं मिली मदद
ट्रेन जब रात 11.37 बजे वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी स्टेशन पहुंची तो एमसीओ (सेना पुलिस), आरपीएफ और जीआरपी पीड़ित युवती के पास पहुंचे। लेकिन यहां भी टीटीई ने मेमो नहीं दिया, जिसके कारण कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। बाद में एमसीओ ने सैन्यकर्मी को ट्रेन से उतार लिया।
150 किमी तक डरी सहमी रही युवती
रेलवे में सुरक्षित सफर के दावे इस घटना के बाद प्रश्नचिह्न के घेरे में हैं। युवती की शिकायत के बावजूद टीटीई और आरपीएफ मेमो-मेमो खेलते रहे। ग्वालियर से लेकर झांसी तक युवती 135 मिनट तक डरी-सहमी सफर करती रही और सैन्यकर्मी बेखौफ गंदे इशारे करता रहा।
युवती की आपबीती
झांसी पहुंची युवती ने बताया कि सैन्यकर्मी ने मुरैना निकलते ही छेड़खानी शुरू कर दी, जिससे वह बुरी तरह सहम गई। जब शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई तो आरोपी के हौसले और बुलंद हो गए। वह झांसी तक अपनी हरकतें करता रहा।
अकेले यात्रा करने में डर महसूस करेगी युवती
इस घटना ने युवती को इतना डरा दिया कि अब वह अकेले सेकंड एसी कोच में भी यात्रा करने से डरेगी। उसने बताया कि ट्रेन मुरैना से निकलने के बाद शराब के नशे में धुत सैन्यकर्मी ने उससे छेड़खानी शुरू कर दी। सुरक्षा बल के जवान ग्वालियर स्टेशन पर आए लेकिन बिना कार्रवाई किए चले गए। इससे आरोपी के हौसले और बढ़ गए और वह झांसी आने तक युवती से छेड़खानी करता रहा।
महिला यात्री सुरक्षा के दावे खोखले
यह घटना महिला यात्री सुरक्षा के दावों की पोल खोलती है। युवती ने पूरी घटना का अंत बताते हुए कहा कि झांसी में सुरक्षा बल आए और चले गए, लेकिन उसकी यात्रा तो खत्म हो गई थी। यह घटना रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है।