बकानी. क्षेत्र में कालीसिंध नदी पर भूमाड़ा गांव के पास बने एनिकट पर गेट नहीं लगाने के कारण मोतीपुरा दह से लाखों लीटर पानी व्यर्थ बह गया है। दह का जल स्तर निरंतर गिरता जा रहा है। जिससे बकानी कस्बे की पेयजल आपूर्ति पर असर पड़ सकता है। बकानी. क्षेत्र में कालीसिंध नदी पर भूमाड़ा गांव के पास बने एनिकट पर गेट नहीं लगाने के कारण मोतीपुरा दह से लाखों लीटर पानी व्यर्थ बह गया है। दह का जल स्तर निरंतर गिरता जा रहा है। जिससे बकानी कस्बे की पेयजल आपूर्ति पर असर पड़ सकता है।जलदाय विभाग द्वारा बकानी कस्बे में जलापूर्ति के लिए भूमाड़ा गांव के पास बने एनिकट में प्रतिवर्ष अक्टूबर माह के अंत में या नवम्बर माह के प्रथम सप्ताह में गेट लगा कर पानी को रोका जाता है। इस एनिकट के गेट लगने से मोतीपुरा दह में अथाह जल राशि एकत्रित होती है। यहां बने पम्प हाउस से लिफ्ट कर बकानी में पेयजल आपूर्ति की जाती है लेकिन इस बार एक महीने से भी अधिक समय बीत जाने के बाद भी एनिकट पर गेट नहीं लगाए हैं। इससे दह का जल स्तर गिरता जा रहा है। किसान भी चिंतित एनिकट के गेट लगाने से रुकने वाले पानी से मध्य प्रदेश और राजस्थान के किसान फसलों में सिंचाई भी करते हैं। जल स्तर घटने से किसान भी चिंतित है। एकांतरे हो रही है जलापूर्ति कस्बे में जलदाय विभाग द्वारा एकांतरे जलापूर्ति की जा रही है। कई इलाकों में लोगों को पेयजल समस्या का सामना भी करना पड़ रहा है। कस्बे में जलापूर्ति के लिए करीब 12 लाख लीटर पानी की मांग है जिसमें से करीब 8 लाख लीटर पानी छापी बांध से आता है। करीब 4 लाख लीटर पानी की आपूर्ति के लिए जलदाय विभाग मोतीपुरा दह का उपयोग करता है लेकिन इस वर्ष दह का जलस्तर नवम्बर में माह में भी गिर गया है। कोई धणी धोरी नहीं बकानी कस्बे में जलदाय विभाग के कनिष्ठ अभियंता का पद रिक्त होने से मुख्यालय पर कोई भी जिम्मेदार अधिकारी के नहीं रहने से कस्बे में अक्सर पेयजल व्यवस्था गड़बड़ा जाती है। मोतीपुरा दह के पास बने एनिकट पर गेट लगाने के लिए होने वाली टेंडर प्रक्रिया में देरी के कारण गेट नहीं लग पाए है। गेट लगवाने का काम जल्दी ही करवाया जाएगा। जिससे दह का जल स्तर बढ़ सके। भावना मेहरा, सहायक अभियंता जलदाय विभाग बकानी