एसआरजी अस्पताल के चिकित्सकों की मानें तो वायरल के रोगी सबसे अधिक आ रहे हैं। हालांकि, रिकवरी रेट भी अच्छी है। पांच दिन की दवा लेने से रोगी ठीक हो रहे हैं। लेकिन जो रोगी चिकित्सक की सलाह लेने की बजाए, आस-पड़ोस से दवा ले रहे हैं, ऐसे रोगियों का बुखार ठीक होने में आठ से दस दिन लग रहे हैं। इन दिनों मेेडिकल कॉलेज में 2200 मरीज आ रहे हैं। जिनमें सबसे ज्यादा मरीज उल्टी-दस्त व बुखार के आ रहे हैं।
अत्यधिक ठंडी चीजों का सेवन नहीं करें
बार-बार बदलते मौसम के कारण फ्रिज में रखा पानी, दूध या दही का सेवन नहीं करें। मटके का पानी बार-बार पीएं। रात के समय दूध को गुनगना कर पीएं। दिन में अत्यधिक गर्मी होने के कारण लोग रात को ठंडा दूध पीते हैं, जो कि सेहत के लिए अच्छा नहीं है।
प्लेटलेट्स की कमी
चिकित्सकों के अनुसार डेंगू के रोगी सामने नहीं आ रहे लेकिन, प्लेटलेट्स से संबंधित कई रोगी सामने आए हैं। मौसम में बदलाव होने के कारण बुखार व वायरल के रोगी हैं। जिन घरों में बुखार व वायरल का रोगी है। इन रोगियों के चेहरे में सूजन जैसी समस्या देखने को मिल रही है। इस तरह के रोगी के स्वस्थ होने पर आठ से दस दिन लग रहे हैं।
खानपुर में मिल चुके है 100 मरीज
जिले के खानपुर उपखंड के कंवरपुरा मंडलावान गांव में डेंगू के लक्षण जैसे 100 मरीज हाल में सामने आए है। हालांकि झालावाड़ मेडिकल कॉलेज में एजाइजा जांच में 3 मरीजों में ही डेंगू की पुष्टि हुई है। करीब 15-20 लोग खानपुर व झालावाड़ भर्ती हुए थे। लेकिन लक्षण सभी में डेंगू व टाइफाइड के मिले हैं। इसका कारण गांव में दूषित पानी पीने से बीमारी फैलना सामने आया है। चिकित्सा विभाग ने जारी की एडवाइजरी: ये बरतें सावधानियां
- जहां तक सभव हो तेज धूप में न निकलें।
- धूप में शरीर पूर्ण तरह से ढका हो।
- घर से बाहर जाने के दौरान छाता व पानी घर से लेकर निकलें।
- धूप में बाहर जाते समय हमेशा सफेद या हल्के रंग के ढीले व सूती कपड़ों का उपयोग करें।
- बहुत अधिक भीड़ व गर्म घुटन भरे कमरों से बचें। बिना भोजन किए बाहर न निकलें।
- गर्दन के पिछले भाग कान एवं सिर को गमछे या तौलिए से ढक कर ही जरूरी होने पर बाहर निकलें।
- रंगीन चश्मे एवं छतरी का प्रयोग करें।
- गर्मी मे हमेशा पानी अधिक मात्रा मे पिएं एवं पेय पदार्थों जैसे नींबू पानी, नारियल पानी व ज्यूस आदि का प्रयोग करें।
सभी चिकित्सा संस्थाओं को अलर्ट कर दिया
अभी तेज धूप है। ऐसे में लू तापघात से प्राय हाई रिस्क श्रेणी कुपोषित बच्चे,वृद्धजन, गर्भवती महिलाएं व शुगर, बीपी आदि के मरीज शीघ्र प्रभावित होते हैं। इन्हें बाहर न निकलने दें कहीं भी स्वास्थ्य संबंधी जरूरत होने पर तत्काल 108 को कॉल करें या नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर लेकर जाएं। सभी जगह अलग से बेड रिर्जव रखे गए है। बुजुर्ग लोगों को बिना लाइन में लगाए सीधे इलाज के निर्देश दिए है। जिला कलक्टर के निर्देश पर सभी निर्माण संबंधी साइड पर छाया-पानी की व्यवस्थाएं संबंधित विभाग को करवाने के निर्देश बैठक में दिए जा चुके हैं।
– डॉ साजिद खान, सीएमएचओ,झालावाड़। इन दिनों उल्टी-दस्त, बुखार,खांसी-जुकाम के मरीज अधिक आ रहे हैं। अधिक धूप में जाने से बचे। हाईरिस्क वाले मरीजों को धूप में जाने से बचना चाहिए। जिन्हे बीपी व अन्य गंभीर बीमारी है उन्हे भारी काम करने से बचना चाहिए।कहीं बाहर जाना हो तो सुबह-शाम के समय ही जाना चाहिए।
– डॉ.रघुनंदन मीणा, वरिष्ठ फिजिशियन, मेडिकल कॉलेज, झालावाड़।