सिंह वसुंधरा राजे के मुख्यमंत्री बनने के बाद वर्ष 2004 में पहली बार सांसद चुने गए। पिछले चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के प्रमोद शर्मा को पराजित किया था। पिछले 35 साल से इस सीट पर भाजपा का कब्जा रहा है। राजे वर्ष 1989 में इस सीट से पहली बार सांसद चुनी गई। इसके बाद से लगातार पांच बार वे सांसद रही। पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में यहां चार से तीन सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की।
झालावाड़-बारां सीट से दुष्यन्त सिंह को उम्मीदवार बनाने की घोषणा के बाद उनके समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई। वे शहर में सांसद कार्यालय के बाहर इकट्ठे हो गए। उन्होंने आतिशबाजी की और मिठाई बांटी। उन्होंने सिंह के समर्थन में नारेबाजी भी की। यहां कायकर्ताओं को भाजपा नेता श्यामसुंदर शर्मा, नगर परिषद के उप सभापति ने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया।
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पिछले चुनाव में सांसद दुष्यंत सिंह को 8 लाख 87 हजार 400 और कांग्रेस के प्रमोद शर्मा को 4 लाख 33 हजार 472 मत मिले थे। सिंह की जीत का अंतर 4 लाख 53 हजार 928 रहा, जो अब तक लोकसभा चुनाव में यहां जीत का सर्वाधिक अंतर है। सिंह ने अपनी मां वसुन्धरा राजे के सबसे अधिक वोट से जीत के रिकॉर्ड को तोड़ था।
1952-नेमीचंद्र कासलीवाल, कांग्रेस
1957 नेमीचंद्र कासलीवाल, कांग्रेस
1962-बृजराज सिंह, कांग्रेस
1967-बृजराज सिंह, भा. जनसंघ
1971-बृजराज सिंह, भा. जनसंघ
1977-चतुर्भुज, जनता पार्टी
1980- चतुर्भुज, जनता पार्टी
1984-जुझार सिंह, कांग्रेस
1989-वसुंधरा राजे, भाजपा,
1991- वसुंधरा राजे, भाजपा,
1996- वसुंधरा राजे, भाजपा,
1998- वसुंधरा राजे, भाजपा,
1999- वसुंधरा राजे, भाजपा,
2004- दुष्यंत सिंह, भाजपा,
2009- दुष्यंत सिंह, भाजपा,
2014- दुष्यंत सिंह, भाजपा,
2019- दुष्यंत सिंह, भाजपा,
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कृषि आधारित उद्योगों को प्रोत्साहन देते हुए रोजगार की अधिक संभावनाएं उत्पन्न करना।
मुकुन्दरा में बाघों की शीघ्र पुनर्स्थापना के प्रयास करना, ताकि पर्यटन उद्योग का विकास हो।
नई सिंचाई एवं पेयजल परियोजनाएं लागू करवाने के प्रयास करना।
रेल सेवाओं के विकास और विस्तार के साथ झालावाड़ को हवाई सेवा से जोड़ने के लिए प्रयास करना।
स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित कर केंद्र एवं राज्य सरकारों की जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ समान रूप से अंतिम छोर तक पहुंचाने के प्रयास करना एवं मॉनिटरिंग करना।