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झालावाड़

बीमारी का नया ट्रेंड- प्लेटलेट्स आ रही कम, डेंगू की रिपोर्ट नेगेटिव

भवानीमडी. बारिश का दौर थमने के साथ ही मौसमी बीमारियां पैर पसार रही है। इससे घर-घर में बुखार के मरीज मिल रहे हैं। इनमें डेंगू, मलेरिया व स्क्रबटाइफस के मरीज भी सामने आ रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि करीब 10 प्रतिशत मरीज ऐसे हैं, जिनकी डेंगू की जांच रिपोर्ट तो नेगेटिव है, […]

झालावाड़Sep 28, 2024 / 10:57 pm

jagdish paraliya

  • भवानीमडी. बारिश का दौर थमने के साथ ही मौसमी बीमारियां पैर पसार रही है। इससे घर-घर में बुखार के मरीज मिल रहे हैं। इनमें डेंगू, मलेरिया व स्क्रबटाइफस के मरीज भी सामने आ रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि करीब 10 प्रतिशत मरीज ऐसे हैं, जिनकी डेंगू की जांच रिपोर्ट तो नेगेटिव है, लेकिन प्लेटलेट्स में कमी आ रही है।
भवानीमडी. बारिश का दौर थमने के साथ ही मौसमी बीमारियां पैर पसार रही है। इससे घर-घर में बुखार के मरीज मिल रहे हैं। इनमें डेंगू, मलेरिया व स्क्रबटाइफस के मरीज भी सामने आ रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि करीब 10 प्रतिशत मरीज ऐसे हैं, जिनकी डेंगू की जांच रिपोर्ट तो नेगेटिव है, लेकिन प्लेटलेट्स में कमी आ रही है। विशेषज्ञों के अनुसार इसका कारण वायरल बुखार भी हो सकता है। वायरल फीवर कुछ मामलों में मरीज के बोन मैरो पर भी असर कर सकता है। इससे शरीर में प्लेटलेट्स की मात्रा कम हो सकती है।
एक-दो मरीजों की रिपोर्ट ही पॉजिटिव

सीएचसी में रोजाना करीब 50 से 100 संदिग्ध मरीजों की डेंगू की जांच की जा रही है। इसमें से केवल एक या दो मरीजों में ही डेंगू की पुष्टि हो रही है। जबकि बुखार के बाद बहुत से मरीजों की प्लेटलेट्स गिर रही है। इससे साफ है कि प्लेटलेट्स गिरने का मतलब, सीधे डेंगू नहीं होता। ग्रामीण क्षेत्र में तो झोलाछाप प्लेटलेट्स गिरते ही डेंगू की पुष्टि कर देते हैं, इससे भय का वातावरण पैदा होता है। यह बुखार का नया स्ट्रेन है या कुछ और, रिसर्च न होने से अभी कुछ स्पष्ट नहीं है।
जांच के लिए लग रही लंबी कतार

सीएचसी में मरीजों की संख्या में प्रतिदिन इजाफा हो रहा है। वही इमरजेंसी में मरीजों काे कुर्सी पर ही लाइन से बैठा कर इलाज किया जा रहा है। मौसमी बीमारियों के प्रकोप को देखते हुए मरीजों की जांच बढ़ा दी है। डॉ.राहुलआचोलिया ने बताया कि सीएचसी पर आने वाले मरीजों की हालात गंभीर होने पर उनकी डेंगू सहित अन्य जांचें करवाई जा रही है।
गले का इंफेक्शन बढ़ रहा

वायरल के साथ ऐसे मरीज भी पहुंच रहे हैं जो नाक, कान, गला के संक्रमण से पीडि़त हैं। खांसी होना, नाक बहना, गले में खराश होना, सांस तेज चलना, थकान और कमजोरी भूख में कमी, दिल की धड़कन तेज होना आदि दिक्कत भी नजर आ रही है
इनका है कहना-

वायरल बुखार में भी प्लेटलेट्स कम हो सकती है। हर साल कुछ मरीज ऐसे आते हैं, जिनकी बुखार के बाद प्लेटलेट्स कम होती है, लेकिन जांच रिपोर्ट नेगेटिव आती है। वैसे विशेषकर डेंगू, मलेरिया व स्क्रबटाइफस में प्लेटलेट्स कम होती है। ऐसे भी कुछ मरीज आ रहे हैं, जिनकी डेंगू, मलेरिया व स्क्रबटाइफस की रिपोर्ट नेगेटिव आ रही है, लेकिन प्लेटलेट्स में कमी आई है। ऐसे में घबराएं नहीं, चिकित्सक से सलाह लें।

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