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झालावाड़

बिना पुस्तकों के कैसे करें छात्र अध्ययन

– आधा सत्र पार फिर भी कई स्कूलों में नहीं पहुंची पुस्तकें
– नोडल केंन्द्रों से नहीं गई सही सूचनाएं

झालावाड़Aug 08, 2018 / 10:42 am

harisingh gurjar

How to study student without books

बिना पुस्तकों के कैसे करें छात्र अध्ययन



झालावाड़.राजकीय स्कूलों में शैक्षिक सत्र शुरू हुए दो माह से अधिक हो गए है। लेकिन अभी तक स्कूलों में पुस्तकें नहीं पहुंची है। राजकीय स्कूलों में छात्रों को अध्ययन में खासी परेशानी आ रही है। ऐसे में भले ही शिक्षा विभाग छात्रों को सभी प्रकार की सुविधाएं मुहैया कराने की बात कर रहा हो, लेकिन अभी तक तो छात्रों के अध्ययन की सुविधा ही नहीं हो पाई है। शिक्षा विभाग प्राथमिक शिक्षा को मजबूत करने के लिए एसआईक्यूई सहित कई प्रकार के नए प्रयोग कर रहा है। लेकिन पुस्तकें नहीं पहुंचने से सबसे ज्यादा परेशानी कक्षा एक से पांचवीं तक के स्कूलों में ही आ रही है। इनमें छात्र अनुपात में पुस्तकें बहुत कम पहुंची है। तो 12वीं कृषि संकाय में बदले गए पाठ्यक्रम की अभी तक पुस्तक नहीं पहुंची है। ऐसे में विद्यार्थियों को बिना पुस्तकों के ही अध्ययन करना पड़ रहा है। विभाग ने अब अतिरिक्त मांग की है। सूची नवम्बर तक बीकानेर पहुंचेगी उसके बाद जयपुर वहां से फिर जिला शिक्षा अधिकारियों के पास पहुंचेगी। ऐसे में आधा सत्र ऐसे ही निकल जाएगा। अद्धवार्षिक परीक्षाएं आ जाएगी। ऐसे में बिना पुस्तकों के छात्रों को अध्ययन में असुविधा हो रही है।

इसलिए आ रही परेशानी-
जब सभी स्कूलों से पुस्तकों की मांग की गई थी। तब छात्र अनुपात में पुस्तकों की मांग नहीं भेजी गई थी। इसके चलते जरुरत के अनुसार पुस्तकें नहीं आई है। ऐसे में मांग अनुरूप पुस्तकें नहीं आने से छात्रों को पुस्तकें नहीं मिल पाई है। हालांकि जानकारों का कहना है कि आवश्यकता अनुसार सभी नोडल केन्द्रों को पुस्तकें पहुंचा दी गई है। लेकिन नोडल केन्द्रों से पुस्तकों की संख्या सही नहीं पहुंचने के चलते परेशानी आ रही है। तो कुछ नए नामांकन बढऩे से पुस्तकों की कमी हो रही है।
पुरानी नहीं आई पूरी-
विद्यार्थियों से 50 फीसदी पुस्तकें पुरानी लेनी थी, लेकिन कई छात्र स्कूल छोड़कर चले जाते हैं तो कई की पुस्तकें फट जाती है। ऐसे में स्कूलों में पुरानी पुस्तकों की रिकवरी नहीं हो पाई है। इसके चलते भी प्राथमिक कक्षाओं में परेशानी ज्यादा आ रही है।
अभी इन विषयों की नहीं पहुंची पुस्तकें-
राजकीय स्कूलों में कक्षा 9 से 12 वीं तक करीब 2 हजार 303 पुस्तकें आना शेष है। वहीं 12 कक्षा की रसायन विज्ञान की 383 पुस्तकें,संस्कृत वाड़ग्मय 42, 11वीं की अर्थशास्त्र की 297, कक्षा 10वीं की कौमुदी 14, कक्षा 11 वीं भौतिक विज्ञान प्रोयागिक की 437,जीव विज्ञान 335, 11वीं की जीवन कौशल 23,भौतिक विज्ञान की 170, कक्षा 11वीं की राजनीति विज्ञान,उर्द सहित कई विषयों की पुस्तकों की कमी चल रही है। कक्षा 9 वीं की अंग्रेजी की गोल्डन रेस, विज्ञान, इसके अलावा प्राथमिक कक्षाओं में कक्षा 3 से लेकर 5वीं तक कई विषयों की पुस्तकें स्कूलों में नहीं पहुंची है। कई स्कलों में 14 सेट तो कई में ज्यादा की कमी चल रही है। वहीं कुछ स्कूलों में प्रत्येक विषयों की एक-दो विषयों की कमी चल रही है। शिक्षकों ने बताया कि हमने मांग तो पूरी भेजी थी, लेकिन पुस्तकें ही कम आई है।
यह बोले अधिकारी-
सभी स्कूलों में पुस्तकें पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं। बीकानेर डिमांड भेज दी गई है। कल एक आदमी को बीकानेर भेज रहे हैं। जिन स्कूलों में ज्यादा है, वहां से भी मंगवा रहे हैं। जल्दी ही सभी कक्षाओं में पुस्तकें पहुंचा दी जाएगी। किसी भी स्कूल में पुस्तकों के अभाव में अध्ययन बाधित नहीं होने दिया जाएगा।
गंगाधर मीणा, जिला शिक्षा अधिकारी प्राथमिक शिक्षा,झालावाड़।

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