दरअसल, जौनपुर के डेहरी गांव के करीब 25 परिवार ऐसे हैं, जो अपने नाम के साथ खान, शेख, अंसारी या अहमद टाइटल के बाद दुबे लिखते हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसा सिर्फ परिवारों के मुखिया ही करते हैं, बाकी किसी सदस्य ने नाम में कोई बदलाव नहीं किया है।
7 पीढ़ी पहले ब्राह्मण थे पूर्वज
जानकारी के मुताबिक, इस गांव के लोगों का कहना है कि जब उन्होंने अपने खानदान का इतिहास खगोला तो उन्हें यह बात पता चली कि लगभग सात पीढ़ी पहले उनके पूर्वज ब्राह्मण हुआ करते थे। इस बात का पता होने के बाद लोगों ने पुरखों से खुद को जोड़ने के लिए मुस्लिम नाम के आगे दुबे टाईटल जोड़ लिया है। यह भी पढ़ें