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उन्होंने अपना दायरा बढ़ाते हुए पहले विधायक फिर संसद फिर केंद्रीय मंत्री और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रहते हुए क्षेत्र और लोगों की समस्याओं के निराकरण का जो बीड़ा उठाया उसको लेकर घर में हमेशा लोगों का मेला लगा रहता था।
आभास हो गया था बेटा बड़ा आदमी बनेगा एक सवाल के जवाब में जसमनी देवी कहती हैं की, ठीक आदिवासी दिवस के दिन जब उनके बेटे को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटाया गया तो उन्हें एक क्षण को तो बुरा लगा, लेकिन तभी उन्हें विश्वास हो गया था कि उन्हें कोई और बड़ी जिम्मेदारी मिलने वाली है और मेरा बेटा और बड़ा आदमी बनेगा।
चार भाइयों में सबसे बड़े विष्णुदेव साय प्रदेश के पहले आदिवासी मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की मां बताती हैं कि, उनके चार बेटे हुए जिनमें सबसे बड़े विष्णु देव साय उसके बाद विनोद कुमार साय, ओम प्रकाश साय और जयप्रकाश साय हैं।
इनमें से विनोद कुमार साय रायपुर में बिजली विभाग में अधिकारी है। जयप्रकाश मुंबई में भेल में नौकरी करते हैं। जसमनी देवी बताती हैं की उनके एक बेटे ओमप्रकाश साय का पिछले वर्ष ही देहांत हुआ और उनकी धर्मपत्नी, हमारी बहु राजकुमारी अब हमारे बगिया पंचायत की सरपंच है।
अब छत्तीसगढ़ महतारी की करेंगे सेवा जशपुर जिले के छोटे से गांव बगिया में किसान परिवार में जन्मे विष्णु देव साय को अब, पूरे प्रदेश की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री के रूप में मिलने पर अब उन्हें कैसा महसूस हो रहा है और वह इस क्षेत्र में किस तरह का विकास होता देखना चाहेंगे, यह पूछे जाने पर प्रदेश के नए मुख्यमंत्री की माताश्री ने कहा कि उनके घर में जमाने से दीन-दुखियों और अपनी समस्या से परेशान लोगों की हमेशा एक भीड़ सी रही है।
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अब उनका बेटा मुख्यमंत्री है तो वह और व्यापक रूप में क्षेत्र और प्रदेश की जनता की समस्याओं का निराकरण करने का व्यापक स्तर में काम करेंगे इसको लेकर एक आनंद की अनुभूति है। अब उनका बेटा छत्तीसगढ़ महतारी की सेवा करेगा इससे अच्छा और क्या हो सकता है, उन्होंने कहा की क्षेत्र में बिजली, शिक्षा, सड़कों और स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार पर और अच्छा काम हो ऐसी उन्हें उम्मीद है। जिले के लोगों की हर वो सपना पूरा होगा जो अब तक वो देखते रहे हैं।