कलेक्टोरेट पहुंची पिसौद, उदेबंद, देवरहा, गोद, सिवनी और चांपा शहर की महिलाओं ने बताया कि
फ्लोरा मैक्स कंपनी ने हम महिलाओं को गांव में ही दुकान खोलकर देने उन्हें आत्मनिर्भर बनाने और हर महीने 500 से 600 रुपए घर बैठे मिलने का झांसा दिया। हर महिला से 30-30 हजार रुपए जमा कराएं। हमने यह पैसा अलग-अलग बैंकों से कर्ज लेकर दिया। लेकिन अब कंपनी फर्जी निकलने की बात सामने आ रही है।
हम फंस गए हैं, क्योंकि कर्ज हमारे नाम पर है और बैंक वाले घर आकर धमकी तक दे रहे हैं कि पैसा तुम्हें दिया गया है न कि फ्लोरा मैक्स को। किस्त तुम महिलाओं को भरना होगा। एक माह की किस्त 2700 रुपए है। इतना पैसा हम गरीब महिलाएं कहां से लाएंगी। अब जिला प्रशासन से ही गुहार लगाने आए हैं कि ठगी करने वालों पर कड़ी कार्रवाई करें और हमारा पैसा हमें वापस लौटाएं।
बेहोश होकर गिरी महिला
ज्ञापन साैंपने पहुंची महिलाओं में से एक महिला कलेक्टोरेट के सामने ही बेहोश खाकर गिर गई। साथियों ने उसे संभाला और पानी पिलाया। उक्त महिला ने बताया कि किस्त भरने के लिए बैंक वाले रोज परेशान कर रहे हैं। सारा पैसा कंपनी में डाल दिए हैं, अब पैसा कहां से भरें। तकलीफ बताते-बताते कई महिलाओं के आंखों में आंसू तक छलक आए। इधर इस बीच जांजगीर-चांपा विधायक ब्यासनारायण कश्यप भी वहां पहुंचे तब महिलाओं ने उन्हें अपनी समस्या बताई। जिस पर उन्होंने जिला प्रशासन से मिलकर उनकी बात रखने और सरकार तक बात पहुंचाने का भरोसा दिलाया। बता दें, फ्लोरा मैक्स कंपनी ने
कोरबा और चांपा में आफिस खोलकर करोड़ों रुपए की ठगी की है। कंपनी के डायरेक्टर अखिलेश कुमार को कोरबा पुलिस ठगी के मामले में रिमांड में ले चुकी है।
घर बैठै 500 रुपए कमाने के फेर में फंसी
शिकायत करने पहुंची पिसौद की पार्वती साहू ने बताया कि फ्लोरा मैक्स
कंपनी के डायरेक्टर ने गांव में आकर बताया था कि कंपनी में पहली बार 30 हजार रुपए जमा करना पड़ेगा। जिसमें 24 माह तक हर माह 2700 रुपए उन्हें मिलेगा। माइक्रो फायनेंस कंपनी ने 30 हजार रुपए लोन लेंगे तो 24 माह तक उन्हें हर माह 2100 से 2200 रुपए ही किस्त आएगा।
कंपनी से 2700 रुपए मिलेंगे। इस तरह घर बैठे मुफ्त में हर माह 500 से 600 रुपए भी मिल जाएंगे और लोन भी पट जाएगा। वहीं गांव में उन्हें दुकान खोलकर भी देंगे और रोजगार पाकर आत्मनिर्भर बनाएंगे। हर माह 500 रुपए कमाने के फेर में ही महिलाएं इनमें फंसती गई। सब्जबाग ऐसा दिखाया कि एक ही गांव में 1200 से 1500 से ज्यादा महिलाओं ने कर्ज लेकर कंपनी में लाखों रुपए तक डाल दिए।