देश में १४ लाख में ९ लाख कैंसर मरीजों की हुई मौत
ग्लोबल कैंसर विभाग ने वर्तमान में देश में कैंसर का आंकड़ा प्रस्तुत किया है, वह चौकाने वाला है। इसके अनुसार से २०२३ में १४ लाख १३ हजार ३१६ कैंसर मरीजों की पुष्टि हुई है। इसमें ९ लाख १६ हजार ८२७ कैंसर मरीजों की मौत भी हो गई है। इसलिए कैंसर मरीजों को पहला स्टेज में ही डॉक्टरों से संपर्क करना चाहिए। इससे मरीज स्वस्थ भी हो सकता है। देर होने पर कैंसर मरीजों की मौत भी हो सकती है।
प्रारंभिक चरण में हो सकता है बचाव
जिला अस्पताल कैंसर के डॉक्टर पुष्पेन्द्र पटेल ने बताया कि तंबाकू के अलावा अधिक मीर्च मसाला खाने या नुकीले दांत से मुंह की चमड़ी में घाव होने के कारण भी माउथ कैंसर हो सकता है। प्रारंभिक चरण में मुंह में दर्दरहित गांठ या छाले हो जाते हैं। इसके बाद मुंह खोलने और खाने-पीने में तकलीफ होती है। इसे सब म्यूकस साइब्रेसीस कहा जाता है। प्री कैंसर स्टेज ही बीमारी से बचाव का सही समय है। बाद में मेजर सर्जरी कर लेजर या विडियो थैरेपी से इलाज किया जा सकता है।
जिला अस्पताल में सर्जरी सुविधा भी शुरू
डॉ. पुष्पेन्द्र पटेल ने बताया कि कैंसर के मरीजों के जिला अस्पताल से कीमोथेरेपी एवं सर्जरी की सुविधा अभी मिल रही है। रेडिएशन के सुविधा के रायपुर जाना पड़ता है। हमारे जिले में मेडिकल कॉलेज बनना प्रस्तावित है। इसलिए भविष्य में रेडिएशन की सुविधा भी मिलने की भी संभावना है। इसके बाद कैंसर का सारा इलाज हमारे जांजगीर-चांपा जि़ले में होने लगेगा।
कैंसर के प्रमुख कारक, फैक्ड फूड आइटम से बचे
डॉक्टर के मुताबिक तम्बाखू, गुटका, बीड़ी, सिगरेट का लंबे समय तक सेवन करना हानिकारक है। प्राकृतिक फलों एवं सब्ज़ी का कम सेवन करना एवं पैक्ड फूड आइटम का लंबे समय सेवन करने से कैंसर पैदा कर स्कता है। हवा, पानी एवं जल का केमिकल से प्रदूषित होना भी कैंसर का प्रमुख कारण है। साथ ही मोटापा, कम व्यायाम, खराब दिनचर्या और संक्रमण भी कैंसर पैदा कर स्कता है।
वर्जन
जिले में कैंसर मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। वर्तमान में माऊथ कैंसर के मरीजों की संख्या में ज्यादा बढ़ोतरी हो रही है। इसका प्रमुख कारण है कि लोग गुटखा का ज्यादा सेवन कर रहे है। इसमें अधिकांश युवा वर्ग चपेट में आ रहा है। यह धीमी जहर का काम करता है।
डॉ. पुष्पेन्द्र पटेल, रेडियोथैरिपिस्ट, जिला अस्पताल