बुधवार की शाम बस्ती बाराद्वार में एक लोमहर्षक मामला सामने आया। दरअसल, बस्ती बाराद्वार में एक समाज के युवक की किसी कारणवश निधन हो गया। समाज के लोगों ने उसकी अंतिम क्रिया कर्म के लिए मुक्तिधाम को ले गए। देर शाम करीब 7 बजे शव को चिता पर रख जला ही रहे थे तभी दूसरे समाज के लोगों ने उसका विरोध करते हुए यह कहा कि यह मुक्तिधाम हमारा है इसमें आप लोग क्योंकि अंतिम संस्कार कर रहे हो।
देखते ही देखते दोनों समाज के लोगों के बीच विवाद बढ़ गया। एक समाज के लोग जलती चिता के साथ शर्मसार कर देने वाली हरकत करते हुए शव को चिता से बाहर निकाल दिया। जिससे माहौल गर्मा गया। इससे क्षुब्ध होकर पीडि़त पक्ष के समाज के लोगों ने गुरुवार की सुबह शव को सड़क पर रख जैजैपुर बाराद्वार मार्ग पर चक्काजाम कर दिया।
इधर पुलिस भी सक्रिय हुई और गांव के सरपंच व समाज के मुखिया जगदीश उरांव सहित 9 लोगों के खिलाफ जुर्म दर्ज कर उनकी गिरफ्तारी की मांग करने लगे। लोगों की मांगों को जाएज ठहराते हुए बस्ती बाराद्वार के सरपंच जगदीश उरावं समेत छह लोगों की गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद माहौल शांत हुआ।
पुलिस के मुताबिक बस्ती बाराद्वार निवासी प्रदीप पाटले पिता भैया लाल पाटले ने खुदकुशी कर ली थी। उसके पोस्टमार्टम के बाद शव को मुक्तिधाम पहुंचे। लेकिन बारिश की वजह से अंतिम संस्कार करने में दिक्कतें हो रही थीं। इसके बाद समाज के लोगों ने शव को दूसरे समाज के मुक्तिधाम ले गए। शव का अंतिम संस्कार की प्रक्रिया शुरू की गई। इसके बाद दूसरे समाज के लोगों ने हल्ला बोल दिया।
पुलिस की निगरानी में हुआ अंतिम संस्कार
जब मौके पर माहौल खराब हो गया तो पुलिस ने अंतिम संस्कार का पूरा बीड़ा अपने ऊपर ले लिया। पुलिस ने 8 आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद शव का अंतिम संस्कार (Funeral) खुद अपने सुपुर्द में लेकर ससम्मान अंतिम संस्कार कराया। जिससे दूसरे समाज के लोगों ने राहत की सांस ली।
सरपंच पति समेत इन 8 लोगों की हुई गिरफ्तारी
बाराद्वार थाना प्रभारी रंजीत कंवर ने बताया कि मामले को लेकर अब तक 8 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। जिसमें बस्ती बाराद्वार के सरपंच पति जगदीश उरांव, अमृत उरांव, राजकुमार उरांव, विश्राम उरांव, सहेत्तर उरांव, सिपाही लाल उरांव, उमाशंकर उरांव एवं कमलेश उरांव को धारा 147, 394, 295 क, 150 ख 501 के तहत जुर्म दर्ज कर गिरफ्तार किया है।