इस दौरान दफ्तर के अंदर खड़े एकाउटेंट के सिर पर सीमेंट का टुकड़ा लगने से चोट लगी। वहीं अन्य स्टाफ बाल-बाल बच गए। अचानक छत का मलबा गिरने से स्टाफ के आखाें के सामने अंधेरा छा गया। किसी ने बेंच के नीचे तो किसी ने कोने में दुबककर किसी तरह जान बचाई नहीं तो बड़ा हादसा हो सकता था।
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जिला मुख्यालय जांजगीर में जिला शिक्षाधिकारी अधिकारी का कार्यालय संचालित है। इससे लगा हुआ ही समग्र शिक्षा विभाग का भी दफ्तर है। जिसमें आरएमएसए खंड संचालित है। बुधवार को भी हर दिन की तरह कामकाज चल रहा था। कमरे में एकाउटेंट, कम्प्यूटर ऑपरेटर, आरएमएसए प्रभारी सभी मौजूद थे। तभी अचानक पौने 12 बजे के करीब कर्मचारियों ने तेज आवाज सुनी और तुरंत बाद कमरे का छत उनके ऊपर भरभराकर गिरने लगा जिसकी चपेट में आकर एकाउटेंट अविनाश सोनी के सिर पर चोंटें आई। उनके मुताबिक कुछ देर के लिए उन्हें कुछ समय ही नहीं आया। आंखों के नीचे अंधेरा छाया गया। फिर तुरंत टेबल के नीचे घुस गए। कम्प्यूटर ऑपरेटर नरेन्द्र पटेल और अन्य स्टाफ बाल-बाल बचे। बताया जा रहा है कि जिस स्थान पर बड़ा हिस्सा गिरा वहां पर प्रोग्रामर बैठते थे जिन्हें बीते रात अचानक विभागीय मिटिंग के लिए रायपुर बुला लिया गया था। नहीं तो बड़ा हादसा भी हो सकता था। 50-60 साल पुराना भवन हो चुका जर्जर बताया जा रहा है कि भवन 50 से 60 साल पुराना है और काफी जर्जर हो चुका है। जिसकी मरम्मत तक नहीं हो रही है। दफ्तर के अंदर कमरों में फाल सीलिंग करने से सब चकाचक नजर आ रहा है लेकिन ऊपर की दीवारें और छत ऐसी है कि ऐसा हादसा और भी हो सकता है। जहां हादसा हुआ, उसी से लगे हुए कमरे में भी छत की लकड़ी दो हिस्सों में टूट गई है, ठीक सामने सभाकक्ष का भी यही हाल है। पानी टपकने से फाल सीलिंग टूट रही है और छत दरक रही है। स्टाफ हर दिन मौत के साए के नीचे काम कर रहे हैं।
आरएमएसए खंड में छत गिरने की घटना हुई थी। स्टाफ भी वहां मौजूद थे जो बाल-बाल बचे हैं। एकाउटेंट को हल्की चोटें आई है। बड़ा हादसा टल गया। स्टाफ अब वहां काम करने से डर रहे हैं। एडीएम व कलेक्टर को सूचना दी गई है। स्टाफ के बैठने के लिए नई जगह तलाश रहे हैं। – आरके तिवारी, डीएमसी समग्र शिक्षा