यह भी पढ़ें
कपड़े में लिपटी हुई मिली एक महिला और बच्चे की लाश, जानिए पूरा मामला…
वहीं बड़ी कंपनियों के छड़ भी 6 हजार के अंदर तक मिल जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि राज्यों में विधानसभा चुनाव को देखते हुए कीमतें स्थिर थी अब लगभग चुनाव अंतिम दौर में है । थोक व्यापारियों की माने तो मतगणना के बाद छड़ की कीमतों में इजाफा होने की बात सामने आ रही है। इसको देखते हुए सरिया की डिमांड भी दुकानों में अधिक देखी जा रही है। विधानसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लगने का असर भी नए सरकारी कार्यों पर पड़ा है। नए कामों की शुरुआत पर ब्रेक लग गया। इधर तीन दिसंबर को मतगणना के बाद आचार संहिता भी हट जाएगी और नए कार्य थोक में शुरु होंगे। ऐसे में यही माना जा रहा है कि छड़ की डिमांड बढ़ेगी जिसके चलते कीमतें भी बढ़ने के आसार हैं।
यह भी पढ़ें
खड़खड़िया खिलवाने वालों पर कार्रवाई करने से मुंह फेरा, सारागांव थाना प्रभारी सस्पेंड
छड़ ही सस्ती, बाकी सामग्रियों में राहत नहीं…. भवन निर्माण से जुड़ी सामाग्रियों में केवल छड़ की कीमतें ही लोगों को राहत दे रही है परन्तु अन्य रॉ मटेरियल की कीमतों पर कोई असर नजर नहीं आ रहा है। बारिश का सीजन अभी गुजरा है, ऐसे में रेत अभी भी महंगी मिल रही है। प्रति ट्रैक्टर 18 सौ से 2 हजार रुपए तक कीमतें वसूली की जा रही है। वहीं ब्रिक्स ईंट 6500 से 7000 हजार प्रति ट्रैक्टर मिल रहा है। वहीं लाल ईंट 10 हजार रुपए से पार चल रही है। ऐसे में भवन निर्माण करना महंगा ही पड़ रहा है लेकिन छड़ की कीमतें से जरुर बजट में थोड़ी राहत मिल रही है। सीमेंट की कीमतें यथावत ही बनी हुई है। अच्छी कंपनी के सीमेंट की कीमतें 310 रुपए से लेकर 330 रुपए तक प्रति बोरी मिल रही है। वहीं लोकल ब्रांड की सीमेंट भी 290 के करीब बिक रही है।