शिकायत की जांच कर एक माह में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश भर्ती में मनमानी को गंभीरता से लेते हुए सीएमएचओ ने जांच टीम गठित कर दी है। टीम ने जांच शुरू भी कर दी है। गौरतलब है कि वर्ष 2007 एवं 2010 में स्वास्थ्य विभाग में 29 पदों पर चतुर्थ वर्ग कर्मचारियों की भर्ती की थी। भर्ती में तत्कालीन अधिकारियों के द्वारा रेवड़ी की तर्ज पर अपने लोगों को उपकृत करने का आरोप लगाया है। शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि 29 पदों में भर्ती करने के बाद कई लोगों को प्रमोशन का भी लाभ दे दिया गया है। वहीं कई लोगों ने शिकायत के डर से अन्यत्र भी स्थानांतरण करा लिया। ताकि उनकी नौकरी सुरक्षित रहे। इतना ही नहीं कई लोगों को सात-आठ साल नौकरी में रखने के बाद उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। इसके चलते उन्हें मानसिक रूप से पीड़ा हुई और वे नौकरी से वंचित हो गए। इन सभी मामलों कोे लेकर लखन देवांगन सहित अन्य पीड़ितों ने सीएमएचओ से शिकायत करते हुए जांच की मांग की है। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए सीएमएचओ ने जांच टीम गठित कर दी है। जांच टीम को स्पष्ट निर्देशित किया गया है वे एक माह के भीतर मामले की जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
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नौकरी लगी पर सर्विस बुक नहीं बनी बताया जा रहा है कि कई लोगों की स्वास्थ्य विभाग में नौकरी जरूर लगी लेकिन उनका अभी तक सर्विस बुक नहीं बन पाई है। इसके चलते उनका रिकार्ड अपडेट नहीं है। कई लोगों का रिकार्ड अपडेट कर लिया गया है और उन्होंने अपना स्थानांतरण भी यहां से अन्यत्र करा लिया है। ताकि उनकी शिकायत दोबारा न हो और जांच से वे बच सकें। जांच टीम में ये अधिकारी शामिल सीएमएचओ ने जांच टीम में जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. एके जगत, बम्हनीडीह बीएमओ डॉ. आजंबर सिंह सिसोदिया, पामगढ़ बीएमओ डॉ. सौरभ यादव सहित दो अन्य कर्मचारियों को टीम में शामिल किया गया है। जांच अधिकारियों ने पहले शिकायतकर्ताओं को बुलाकर उनका बयान दर्ज कराया है फिर जिन्होंने बैकडोर से भर्ती पाई है उन्हें बुलाया जाएगा।
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