इंटरनेट के जरिए ही आगे की क्लास में भेज दिया गया। मामला जिले के इकलौते शासकीय जीएनएम प्रशिक्षण केंद्र स्कूल ऑफ नर्सिंग जांजगीर का है। उल्लेखनीय है कि जिला मुख्यालय जांजगीर में संचालित शासकीय जीएनएम प्रशिक्षण केंद्र स्कूल ऑफ नर्सिंग का संचालन किया जा रहा है।
यहां छात्राओं को हॉस्टल के साथ नर्सिंग का कोर्स कराया जाता है। लेकिन दो-तीन सालों से यहां कुछ ठीक नहीं चल रहा। न तो छात्राओं को समय पर स्कालरशिप मिल रही है और न ही मार्कशीट। ऐसे में छात्राएं केवल इंटरनेट के जरिए ही परीक्षा में मिले अंकों को देख पाए हैं। दो साल की मार्कशीट अब तक उन्हें नहीं मिली है। इसके पीछे प्रबंधन द्वारा यह तर्क दिया जा रहा है कि परीक्षा की सारी व्यवस्था स्टेट से होती है। कांपियां भी उनकी वहीं जंचती है और मार्कशीट भी वहीं से आता है मगर अब तक वहां से मार्कशीट ही नहीं आई है तो हम क्या कर सकते हैं।
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यहां पढऩे वाली फस्र्ट ईयर से लेकर सेकंड और फाइनल ईयर की छात्राओं को अब तक पूरी स्कालरशिप भी नहीं मिली है। जबकि शासन के नियमानुसार हर महीने 1500 रुपए का स्टेफंड इन छात्राओं को दिया जाता है ताकि पढ़ाई के दौरान आने वाली कुछ जरूरतों को वे स्वयं पूरी कर सके। कई छात्राएं यहां हॉस्टल में रहकर पढ़ाई करते हैं। ऐसे में हर महीने यह स्कालरशिप भी काफी मददगार होती है। मगर छात्राओं को दो-तीन महीने का स्कालरशिप मिला है। फाइनल ईयर की छात्राओं को अभी मार्च महीने में 3 माह की छात्रवृत्ति खाते में डाली गई है जबकि 10 महीने से स्कालरशिप नहीं मिला था। ऐसे में सात महीने का कब मिलेगा इसकी कोई जानकारी नहीं है। इसी तरह फस्र्ट ईयर का 4 से 5 महीने और सेकंड ईयर का भी 3 से 4 महीने का स्कालरशिप नहीं मिल पाया है।
-मार्कशीट रायपुर से आता है, जो अब तक नहीं आया है। इसके लिए कई बार पत्राचार किया गया है। वहीं सेंट्रल से अब बजट में बदलाव हुआ है। पहले डीएचएस से बजट मिलता है अब डीएमई से बजट आएगा। इससे विलंब हो रहा है। स्टाफ का भी पेय तीन महीने से नहीं हो रहा है। बजट जारी होने पर स्कालरशिप जारी कर दी जाएगी- अर्चना खलखो, प्राचार्य शा. जेएनएम प्रशिक्षण केंद्र जांजगीर-चांपा