शहर लटिया रोड में सदगुरू मिनरल्स क्रशर खदान संचालित है। जहां प्रतिबंध के बावजूद हैल्को ब्लास्टिंग खुलेआम किया जा रहा है। इससे आए दिन दुर्घटना की संभावना बनी रहती है। साथ ही इससे आसपास के मकान में दरारें भी आ रही है। इसके बावजूद खुलेआम हैल्को ब्लास्टिंग किया जा रहा है। सबसे बड़ी बात यह है कि खनिज विभाग की खुली छूट होने के कारण क्रशर संचालक के हौसले बुलंद है। ऐसा ही कुछ दोपहर को ब्लास्टिंग से पत्थर हवा में उछलकर मकान को क्षतिग्रस्त करते हुए कांटा मकान के खिड़की के कांच को तोड़ते हुए अंदर जा गिरा। पत्थर जहां पर गिरा, उसके बगल में ही कर्मचारी काम कर रहे थे। पत्थर बगल में गिरने से बड़ी दुर्घटना टल गई। घटना में छज्जा एवं खिड़की क्षतिग्रस्त होने के साथ-साथ कंप्यूटर, प्रिंटर एवं पंखा को भी क्षतिग्रस्त हो गया। कर्मचारियों ने बताया कि दुर्घटना के संबंध में क्रशर खदान के संचालक को सूचना देने पर उल्टा संचालक ने देख लेने की धमकी दी। ज्ञात हो कि शहर के लटिया रोड, पकरीया, ग्राम तरौद, किरारी एवं बनाहिल में स्थित क्रशर खदानों में नियमों को ताक में रखकर हेल्को ब्लास्टिंग किया जा रहा है। इधर खनिज विभाग मूकदर्शक बने हुए हैं।
यह भी पढ़ें
Crime News: महज 1500 रुपए के लेनदेन में युवक को उतारा मौत के घाट, पहले डंडे से की मारपीट फिर…फैली सनसनी
पहले भी हो चुकी इस तरह की घटना इसके पहले भी 2021 में सदगुरू मिनरल्स के क्रशर खदान में हैल्को ब्लास्टिंग के दौरान पत्थर हवा में उछलकर क्रशर खदान के पास मोनू वैष्णव के कच्चे मकान को धराशायी करते हुए घर के अंदर जा गिरा था। इस समय बड़ा पत्थर घर के अंदर गिरा, उसी समय मोनू वैष्णव की मां व बच्चे घर के अंदर सो रहे थे। मोनू वैष्णव ने खनिज विभाग में इसकी शिकायत भी की थी। बावजूद आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। ब्लास्टिंग से पहले लोगों को नहीं करते अलर्ट हैल्को ब्लास्टिंग के दौरान खदान के आसपास रहने वाले या वहां से गुजरने वाले लोगों को अलर्ट करने के लिए सायरन तक नहीं बजाया जाता है। कुछ वर्ष पूर्व पोड़ीभाठा में भी हेल्को ब्लास्टिंग के कारण एक पत्थर हवा में उछलकर एक बुजुर्ग भगाऊ राम गोंड़ के ऊपर गिरा था। इससे उसका हाथ टूट गया था। आर्थिक स्थिति खराब होने के बाद भी क्रशर संचालक द्वारा इलाज तक के लिए व्यवस्था नहीं की गई और न ही क्रशर संचालक के खिलाफ किसी प्रकार की कार्रवाई की गई।