किसान कर रहे तीन दिसंबर का इंतजार….
राजनैतिक दलों द्वारा कर्जमाफी, अपने अपने घोषणा पत्रों के अनुसार किसानों से धान खरीदी के वायदों ने भी किसानों को बुरी तरह से कन्फ्यूज कर दिया है। किसानों को लग रहा है कि यदि उन्होंने अभी धान को बेच दिया और बाद में दूसरी सरकार आ गई तो नई सरकार के समय हुई धान खरीदी के दाम का फायदा उन्हे नहीं मिल पाएगा। लिहाजा किसान 3 दिसंबर तक इंतजार करने को भी तैयार हैं। नई सरकार के बाद ही धान बेचने का प्लान बना रहे हैं। जिम्मेदार अधिकारी भी किसानों को अब तक नहीं समझा पा रहे हैं जिसका असर है कि जिन किसानों की धान की मिसाई भी हो चुकी है वे 3 दिसंबर तक धान को खरीदी केन्द्रों में बेचने नहीं पहुंच रहे हैं। खरीदी केन्द्रों के कर्मचारी सबसे ज्यादा चिंतित हैं क्योंकि इस वर्ष जिले में धान की फसल जोरदार है यदि इसी प्रकार किसान कुछ दिन धान बेचने नहीं पहुंचे तो बाद में धान की इतनी अधिक आवक होगी कि खरीदी केन्द्रों में धान को रखने के लिए जगह भी नहीं रहेगी।