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CG Strike: ओपीडी में डॉक्टरों को ढूंढते रहे मरीज
जिला अस्पताल जांजगीर में तो मरीजों के लगातार पहुंचने के कारण ओपीडी काउंटर में नोटिस चस्पा करना पड़ गया कि आज डॉक्टर हड़ताल में है। बता दें, सुबह के समय जब यहां ओपीडी काउंटर खुला तो हड़ताल की जानकारी नहीं होने वाले मरीज हर दिन की तरह ही पहुंचने लगे थे। मरीजों को ओपीडी पर्ची बनाकर दी गई। इसके बाद मरीज ओपीडी में जाकर डॉक्टरों को ढूंढते रहे। मरीज ओपीडी पर्ची लेकर भटकते रहे।सिर्फ 4 डॉक्टर ने संभाला मरीजों को
ऐसे हालात बनने के बाद जाकर अस्पताल प्रबंधन की नींद खुली और ओपीडी पर्ची बनाना बंद कराया गया और काउंटर को क्लोज कराया गया। ताकि मरीजों को जानकारी हो और भटके न। अकेले जिला अस्पताल में 37 में से 34 डॉक्टर हड़ताल में रहे। 4 डॉक्टर ही डे और नाईट शिफ्ट में सेवाएं दी। आईएमए के जिला सचिव डॉ. मनोज राठौर ने बताया कि जिले में 58 निजी डॉक्टरों के अलावा शासकीय अस्पतालों के करीब 250 से ज्यादा डॉक्टर शामिल हुए। संघ का विरोध प्रदर्शन रहा। शासकीय व निजी अस्पतालों में केवल इमरजेंसी सेवाएं ही चालू रही गई थी ताकि गंभीर मरीजों को परेशानी न हो। चांपा में कैंडल मार्च निकालकर विरोध प्रदर्शन किया गया।
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प्राइवेट अस्पतालों में इमरजेंसी के नाम पर चलता रहा इलाज
एक ओर जहां सरकारी अस्पतालों में ओपीडी में ताला ही लटक गया। वहीं दूसरी ओर कई प्राइवेट अस्पतालों में न केवल ओपीडी चालू रही बल्कि इलाज भी होता रहा। शहर में ही कई निजी अस्पतालों में मरीज पहुंचते रहे। इससे निजी अस्पतालों में आम दिनों से ज्यादा भीड़ लगी रही। अस्पतालों की चांदी रही तो मरीज लूटने मजबूर हुए।इस तरह परेशान हुए मरीज, ऑपरेशन भी नहीं हुए
जांजगीर भाटापारा की लक्ष्मी यादव अपने बेटे के गले में सूजन की समस्या को लेकर जिला अस्पताल आई थी। यहां आने के बाद उन्हें पता चला कि सारे डॉक्टर हड़ताल में है। जहां से फिर प्राइवेट अस्पताल जाने की बात कहकर लौट गई। इसी तरह पैर में चोट लगने पर एक्सरे कराने पहुंचे करन सिंह ओपीडी में सामने स्ट्रेचर में बैठे नजर आए। एक्स-रे तो हो गया लेकिन रिपोर्ट दिखाने के लिए डॉक्टर का इंतजार करते रहे। इधर डॉक्टरों के हड़ताल के चलते ऑपरेशन भी बंद रहे। आर्थो, आई से संबंधित मरीजों के ऑपरेशन टल गए। यह भी पढ़ें