यह भी पढ़ें: CG Election 2023: भितरघात से कुछ सीटों के प्रत्याशी परेशान, प्रचार के लिए दूसरे सीट से बुलवा रहे भीड़ जिले में विधानसभा चुनाव के अंतर्गत दिव्यांग व 80 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ मतदाताओं को घर-घर मतदान की सुविधा निर्वाचन आयोग ने पहली बार दी है। इसके लिए पहले से पंजीयन कराने की सुविधा दी थी। जिले के 4937 दिव्यांग व 7381 वृद्ध मतदाताओं में से मात्र 137 मतदाताओं ने घर से मतदान की सुविधा के लिए मंजूरी दी। इसी अनुसार मतदान कराने कर्मचारी सुबह 8 बजे रवाना हुए। इन्होंने जिले की तीनों विधानसभा सीट पर मतदान कराया।
अब तक सरकारी कर्मचारी बैलेट पेपर मतदान के लिए मिलता था व वे चुनाव की तिथि के पहले मतदान करते थे। गत चुनाव में करीब 30 प्रतिशत कर्मचारी मतदान के लिए ले गए बैलेट को जमा कराने नहीं गए। इसके बाद इस बार निर्वाचन आयोग ने 100 प्रतिशत मतदान कराने के लिए डाक से मतपत्र भेजने की व्यवस्था को ही समाप्त कर दिया। अब 8 नवंबर को कर्मचारियों को बैलेट पेपर से मतदान का प्रशिक्षण देंगे।
इसके बाद उसी दिन व 8 नवंबर को मतदान करने की सुविधा दी जाएगी। इसके लिए बैलेट पेपर जिला मुख्यालय में छपकर आ गए है। जिले में ऐसे दिव्यांग मतदाताओं के साथ ही 80 वर्ष से अधिक उम्र के वयोवृद्ध मतदाताओं ने डाक मतपत्र के जरिए अपने मताधिकार का उपयोग किया। इन दिव्यांग मतदाताओं तथा 80 वर्ष से अधिक आयु के वयोवृद्ध मतदाताओं से मतदान कराए जाने के लिए मतदान दल उनके घर पहुंच रहे हैं।
यह भी पढ़ें: cg election 2023 कांग्रेस बसाने का, भाजपा उजाड़ने का काम कर रही-भूपेश बघेल कलेक्टर ने घर पहुंचकर बढ़ाया उत्साह जिला निर्वाचन अधिकारी ऋचा प्रकाश चौधरी ने जांजगीर-नैला नगर पालिका क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 17 निवासी रूखमणी देवी तिवारी पति सालिक राम तिवारी के निवास पर पहुंचकर उनका उत्साह बढ़ाया।
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जिले के पहले दिव्यांग मतदाता के रूप में मतदान करने वाले डॉ. कौशल मिश्रा प्राध्यापक शासकीय ठाकुर छेदीलाल स्नातकोत्तर अग्रणी महाविद्यालय जांजगीर ने कहा कि निर्वाचन आयोग की यह बेहतरीन पहल है। इससे दिव्यांग मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर पाएंगे। उन्होंने अपना अनुभव बांटते हुए बताया कि घर पहुंचे मतदान दल ने पूरी प्रक्रिया पारदर्शितापूर्ण सुव्यवस्थित ढंग से पूरी कराई। मत की गोपनीयता बनाए रखते हुए मेरे मताधिकार का प्रयोग कराया यह पहली बार है। मेरा सुझाव है कि दिव्यांग मतदाता जागरूक होकर इस सुविधा का लाभ लेकर लोकतंत्र के महापर्व में सहभागी बने। एक ट्रेन दुर्घटना में अपने दोनो पैर व एक हाथ से वंचित हो चुके डॉ. कौशल मिश्रा हर बार अपने मताधिकार का प्रयोग करते हैं।
जिले के पहले दिव्यांग मतदाता के रूप में मतदान करने वाले डॉ. कौशल मिश्रा प्राध्यापक शासकीय ठाकुर छेदीलाल स्नातकोत्तर अग्रणी महाविद्यालय जांजगीर ने कहा कि निर्वाचन आयोग की यह बेहतरीन पहल है। इससे दिव्यांग मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर पाएंगे। उन्होंने अपना अनुभव बांटते हुए बताया कि घर पहुंचे मतदान दल ने पूरी प्रक्रिया पारदर्शितापूर्ण सुव्यवस्थित ढंग से पूरी कराई। मत की गोपनीयता बनाए रखते हुए मेरे मताधिकार का प्रयोग कराया यह पहली बार है। मेरा सुझाव है कि दिव्यांग मतदाता जागरूक होकर इस सुविधा का लाभ लेकर लोकतंत्र के महापर्व में सहभागी बने। एक ट्रेन दुर्घटना में अपने दोनो पैर व एक हाथ से वंचित हो चुके डॉ. कौशल मिश्रा हर बार अपने मताधिकार का प्रयोग करते हैं।