किसी जगह पर डिवाइडर की ऊंचाई एक से डेढ़ फीट है तो कहीं ढाई से तीन फीट तक। इसके लिए रेडियम, रिफ्लेक्टर नजर नहीं आते तो सफेद-पीली पट्टी भी अब धुंधली पड़ गई है। जिससे चालकों का ध्यान जाए। मानकों के विपरीत हर सड़कों पर अलग-अलग ऊंचाई और चौड़ाई के रोड डिवाइडर बने हैं। इतना ही नहीं रोड डिवाइडर में क्रास छोड़ने में भी मनमर्जी चली है। चार-चार कदम की दूरी में क्रास छोड़े गए हैं जो जानलेवा साबित हो रहे हैं। जबकि एक निश्चित दूरी के बाद भी रोड डिवाइडर में क्रॉस छोड़नेे का नियम रहता है ताकि आवागमन सुरक्षित हो। लेकिन इसका कहीं पालन नहीं किया गया है।
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नेताजी चौक से कचहरी चौक तक भी ऐसा हाल इसी तरह नेताजी चौक से कहचरी चौक भी हाल ही में रोड डिवाइडर बनाया गया है जहां भी इस तरह के खतरनाक क्रॉस छोड़े गए हैं। यही हाल शारदा चौक तक बने रोड डिवाइडर का भी है। यहां भी क्रासिंग में लोग फरार्ट से वाहन इस पार से उस पार करते आसानी से देखे जा सकते हैं जहां हादसों का खतरा बना रहता है। केरा रोड में एक तो कहीं डेढ़ फीट ऊंचाई जिला मुख्यालय जांजगीर के रोड रोड में ही डिवाइडर की ऊंचाई और साइज अलग-अलग बनाई गई है। कहीं ऊंचाई महज एक फीट तो कहीं डेढ़ फीच है। इतना ही नहीं डिवाइडर के बीच क्रास तो इतने कम-कम दूरी पर छोड़ गए हैं तो लोग हर चार कदम के बाद क्रास से वाहन इस पार से उस पार करते नजर आ सकते हैं। केरा रोड के इस डिवाइडर में अब तक दर्जनभर बाद से ज्यादा वाहनों के डिवाइडर में चढ़ने और टकराने के हादसे हो चुके हैं।
मानक में बने रोड डिवाइडर से कई फायदे…. – बेहतर सुरक्षा…. डिवाइडर वाहनों में आमने-सामने की टक्कर के जोखिम कम करते हैं।
– भीड़ कम करना….. यातायात को अलग-अलग लेन में विभाजित कर भीड़ को नियंत्रित करना।
– चालकों के लिए सड़क पर नेविगेट करना और अपने निर्धारित लेन में रहना आसान करना।
– पर्याप्त दूरी…. रोड डिवाइडर इतना चौड़ा होना चाहिए कि प्रत्येक लेन के लिए पर्याप्त जगह मिल सके।
– भीड़ कम करना….. यातायात को अलग-अलग लेन में विभाजित कर भीड़ को नियंत्रित करना।
– चालकों के लिए सड़क पर नेविगेट करना और अपने निर्धारित लेन में रहना आसान करना।
– पर्याप्त दूरी…. रोड डिवाइडर इतना चौड़ा होना चाहिए कि प्रत्येक लेन के लिए पर्याप्त जगह मिल सके।